WFI Election Row: विनेश फोगाट ने लौटाया खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार

विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पुरस्कार लौटाने की जानकारी दी. विनेश ने अपने पत्र में लिखा, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा, यह सब देश को पता है.

By ArbindKumar Mishra | December 26, 2023 9:53 PM
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विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा दिये. विनेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए पत्र में घोषणा की, मैं अपने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा रही हूं.

प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी

विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पुरस्कार लौटाने की जानकारी दी. विनेश ने अपने पत्र में लिखा, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा, यह सब देश को पता है. आप तो देश के मुखिया हैं, तो आपतक भी मामला पहुंचा होगा. प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं.

बजरंग पूनिया और वीरेंदर सिंह यादव ने लौटाया पुरस्कार

विनेश से पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और डेफलंपिक्स के चैंपियन वीरेंदर सिंह यादव ने अपने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिए थे.

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संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था, जिसके बाद उग्र हुए पहलवान

गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था. बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे. पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृज भूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए. चुनाव के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी.

खेल मंत्रालय ने नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया

खेल मंत्रालय ने हालांकि फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था.

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