WFI Elections: अब 7 अगस्त को मिलेगा नया अध्यक्ष! सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ चुनाव का रास्ता साफ
Brij Bhushan Sharan Singh: गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 25 जून को डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगा दी थी जो मतदाता सूची के लिए नाम भेजने की अंतिम तारीख थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी.
WFI Elections: भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनाव अब 7 अगस्त को होंगे. डब्ल्यूएफआई से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है. चुनाव इससे पहले 11 जुलाई को होने वाले थे, लेकिन असम कुश्ती संघ की चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मांगने वाली याचिका के बाद गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी थी. गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने निर्वाचक मंडल के लिए नाम जमा करने की आखिरी तारीख 25 जून को चुनाव पर रोक लगा दी थी. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार (17 जुलाई) को इस आदेश पर रोक लगा दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी. इस फैसले के बाद चुनाव का रास्ता साफ हो गया.
डब्ल्यूएफआई के चुनाव अब 7 अगस्त को
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से चुनाव की नई तारीखों के बारे में जानकारी दी है. दरअसल, असम कुश्ती संघ ने दावा किया था कि वह मतदान के अधिकार के साथ डब्ल्यूएफआई का संबद्ध सदस्य बनने का हकदार है, लेकिन 15 नवंबर 2014 को इसकी कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद डब्ल्यूएफआई ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया था. खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किए जाने से पहले डब्ल्यूएफआई ने चुनाव की तारीख 7 मई तय की थी.
खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक निगरानी समिति नियुक्त करने का फैसला लिया था. साथ ही डब्ल्यूएफआई को अपनी सभी चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया था. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात के बाद कहा था कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 30 जून तक होंगे.
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने तब घोषणा की थी कि चुनाव चार जुलाई को होंगे लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने नई तारीख छह जुलाई तय की थी. हालांकि, पांच असंबद्ध राज्य निकायों द्वारा मतदान पात्रता के लिए दावा पेश करने के बाद रिटर्निंग अधिकारी को 11 जुलाई को नई मतदान तिथि निर्धारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
पहलवानों ने दिया था धरना
गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश के शीर्ष पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान पहलवान दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे. बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी. पिछले महीने पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट भी दायर कर दी थी. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से आश्वासन मिलने के बाद खिलाड़ियों ने अपना आंदोलन होल्ड कर दिया था. सरकार ने खिलाड़ियों को 15 जून तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने, खिलाड़ियों के ऊपर दर्ज एफआईआर वापस लेने, कुश्ती संघ के जल्द चुनाव कराने का आश्वासन दिया था.
3 बार से कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं बृजभूषण
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं. साल 2019 में तो उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था. बृजभूषण लगातार 3 बार से वो अध्यक्ष बन रहे हैं. नियम के अनुसार, एक व्यक्ति तीन बार से ज्यादा भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष नहीं हो सकता है. ऐसे में अब बीजेपी सांसद का भी तीसरा कार्यकाल खत्म हो गया है. जिसके बाद माना जा रहा था कि परिवार का कोई सदस्य कुश्ती महासंघ का चुनाव लड़ सकता है.