What is JioSpaceFiber: सैटेलाइट बेस्ड गीगाबिट टेक्नोलॉजी से दूरदराज के इलाकों में मिलेगी इंटरनेट कनेक्टिविटी

Reliance Jio Unveil JioSpaceFiber at India Mobile Congress 2023 - भारत के चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़ चुके हैं. इनमें गुजरात का गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ का कोरबा, उड़ीसा का नबरंगपुर और असम का ओएनजीसी-जोरहाट शामिल है.

By Rajeev Kumar | October 28, 2023 7:39 AM
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  • धरती, हवा, समुद्र और अंतरिक्ष हर जगह और हर चीज को जोड़ेगा जियो

  • ग्रामीण भारत व दुर्गम इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ेगा जियो स्पेस फाइबर

  • सुदूर इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएंगे महत्वपूर्ण बदलाव

  • जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर के बाद जियो स्पेस फाइबर तीसरी बड़ी टेक्नोलॉजी है

What is Jio Space Fiber : रिलायंस जियो देश के दूरदराज के इलाकों को कनेक्ट करने के लिए जियो स्पेस फाइबर नाम की एक नयी टेक्नोलॉजी लेकर आया है. जियो स्पेस फाइबर सैटेलाइट बेस्ड गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी है, जो उन दुर्गम इलाकों को कनेक्ट करेगा जहां फाइबर केबल से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना मुश्किलों भरा काम है. यह सर्विस पूरे देश में अत्यधिक किफायती कीमतों पर उपलब्ध होगी. 27 से 29 अक्तूबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस में जियो ने यह टेक्नोलॉजी प्रदर्शित की है.

भारत के चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़ चुके हैं. इनमें गुजरात का गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ का कोरबा, उड़ीसा का नबरंगपुर और असम का ओएनजीसी-जोरहाट शामिल है.

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जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर के बाद रिलायंस जियो के कनेक्टिविटी पोर्टफोलियो की यह तीसरी बड़ी टेक्नोलॉजी है. जियो स्पेस फाइबर से दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एसईएस कंपनी के उपग्रहों का इस्तेमाल किया जाएगा. यानी जियो स्पेस फाइबर से अब कहीं भी और कभी भी विश्वसनीय मल्टी-गीगाबिट कनेक्टिविटी मिलेगी. चुनौती भरे इलाकों में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं को पहुंचाने के लिए जियो स्पेस फाइबर इनोवेटिव एवं एडवांस NGSO तकनीक का उपयोग करेगा.

रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष आकाश अंबानी ने कहा, जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट का अनुभव कराया. जियोस्पेसफाइबर के साथ हम अभी तक अनकनेक्टिड लाखों लोगों को कवर करेंगे. ऑनलाइन सरकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन सेवाओं तक, जियोस्पेसफाइबर हर किसी को, हर जगह कनेक्ट कर सकेगा.

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एसईएस के मुख्य रणनीति अधिकारी जॉन-पॉल हेमिंग्वे ने कहा, जियो के साथ मिलकर, हम एक अद्वितीय समाधान के साथ भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं. इसका उद्देश्य भारत में किसी भी स्थान पर प्रति सेकेंड कई गीगाबिट थ्रूपुट प्रदान करना है.

टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट मानते हैं कि जियो स्पेस फाइबर ग्रामीण भारत की शक्ल बदलने की ताकत रखता है. किफायती, विश्वसनीय और हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ने पर सुदूर इलाकों में शिक्षा और स्वस्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है. दूरदराज के सरकारी स्कूल सैटेलाइट कनेक्टिविटी के जरिये इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सकेंगे. शिक्षा की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार होंगे, साथ ही शिक्षा की असमानता में भी कमी आएगी. इन इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, टीकाकरण, पोषण और सामुदायिक कल्याण के आंकड़े रियल टाइम में उपलब्ध होंगे जिससे स्थानीय सरकारें सही व सटीक फैसले ले सकेंगी.

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