Gorakhpur : यूपी के गोरखपुर में पिपराइच नगर पंचायत का इतिहास 150 साल पुराना है. पिपराइच नगर पंचायत की स्थापना 1871 में हुई थी. नगर पंचायत के लिए अब तक 14 अध्यक्ष चुने जा चुके हैं यहां के सबसे पहले अध्यक्ष मजहर अली शाह रहे हैं. पिपराइच नगर पंचायत कुशीनगर और गोरखपुर की सीमा पर स्थित है. आजादी से पहले तक यहां अंग्रेज प्रशासक नियुक्त किए जाते थे. और जब भारत आजाद हुआ उसके बाद से यहां पर अध्यक्ष चुने जाने लगें.
गोरखपुर के पिपराइच नगर पंचायत में 37 हजार की आबादी है. इस नगर पंचायत का क्षेत्र 19.48 वर्ग किलोमीटर का है. पिपराइच नगर पंचायत में कुल 32251 मतदाता हैं जिनमें 15667 महिलाएं और 16584 पुरुष मतदाता हैं. इस पंचायत में कुल 14 मतदान स्थल था मगर अब 39 मतदान स्थल हैं. इस नगर पंचायत में 17 पार्षद चुने जाने है.
पहले यह संख्या 12 थी, मगर इस नगर पंचायत क्षेत्र का विस्तार किया गया तो वार्डों की संख्या बढ़ गई. इस नगर पंचायत क्षेत्र से गुलाबचंद और अनुपमा गुप्ता दो- दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. अंतराल दो बार भाजपा की टिकट से चुनाव जीती थी अबकी बार बीजेपी उन्हें टिकट नहीं दिया है लेकिन निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी हैं.
पिपराइच नगर पंचायत अध्यक्ष की बात करें तो अब तक भाजपा के अलावा किसी अन्य दल का प्रत्याशी यहां से विजयी नहीं हो सका है. निवर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र जैसवाल इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरें हैं. इस बार चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पिपराइच नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 12 प्रत्याशी मैदान में है.
इस बार समाजवादी पार्टी ने वीरेंद्र गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है. वहीं भाजपा की तरफ से संजय मद्धेशिया मैदान में हैं. बहुजन समाज पार्टी ने दीनानाथ वर्मा को मौका दिया है. वहीं कांग्रेस पार्टी से निर्मला गुप्ता अपने भाग्य को आजमा रहीं हैं. आजाद समाज पार्टी (काशीराम ) से शहनाज चुनाव लड़ रहें है. निर्दल प्रत्याशी के रूप में हरिओम जायसवाल, रितेश मद्धेशिया, अनुप्रिया, हरिओम, जयसवाल, पप्पू गुप्ता, मंजू देवी और पतासी देवी और कल्पनाथ चुनाव लड़ रहें हैं.
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1945 मजहर अली शाह
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1949 शिवपूजन साहू
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1952 मोतीलाल खजांची
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1956 गुलाब चंद
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1959 गुलाब चंद
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1965 सत्यनारायण प्रसाद
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1969 हरिलाल आर्य
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1988 अमरनाथ जयसवाल
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1995 अनुपमा गुप्ता
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1997 रंभा जायसवाल
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2000 अनुपमा गुप्ता
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2006 अशोक मद्धेशिया
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2012 बेचना देवी
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2017 जितेंद्र जायसवाल
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर