Chhattisgarh Tourist Places: छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में जगदलपुर शहर है. यह अपने सुंदर जंगलों और आदिवासी संस्कृति के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यह शहर चारों ओर से पहाड़ियों और घने जंगल से घिरा हुआ है. अगर आप जगदलपुर में घूमने जा रहे हैं तो इन जगहों पर एक बार जरूर विजिट करें, चलिए जानते हैं पूरी डिटेल.
कोटमसर गुफा
कोटमसर गुफा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला मुख्यालय जगदालपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है. यह भारत की सबसे गहरी गुफा मानी जाती है. इस गुफा की गहराई जमीन से 60 -125 फीट तक है. इसकी लंबाई लगभग 4500 फीट है. कुटुमसर गुफा में चूना पत्थर से बनी आकृतियां है जिन पर प्रकाश पड़ने पर कई तरह की आकृतियां नज़र आती हैं. इस गुफा में रंग बिरंगी अंधी मछलियां पाई जाती हैं. बता दें यह गुफा पूरी तरह से अंधेरे से घिरी हुई है. सूरज की रोशनी अंदर नहीं आती है.
बस्तर महल
बस्तर महल छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित है. महल के परिसर के नीचे प्राचीन कलाकृतियों और अवशेषों को संरक्षित किया गया है. महल का निर्माण 1890 से पहले महाराजा भैरमदेव के कार्यकाल के दौरान किया गया था. महल परिसर में दो महल हैं, एक पुराना और एक नया. दोनों महल 22 एकड़ के परिसर में अगल-बगल स्थित हैं. महल के दो मुख्य द्वार हैं, लेकिन महल के बाईं ओर स्थित मुख्य द्वार को कभी नहीं खोला जाता है.
दंडक गुफा
दंडक गुफा छत्तीसगढ़ में कांगेर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित एक प्राकृतिक गुफा है. गुफा 200 मीटर लंबी और 20-25 मीटर गहरी है. इसमें दो कमरे हैं, जिसमें बड़ा कमरा फ्लोस्टोन के उदाहरण दिखाता है और छोटा कमरा एक बड़े कमरे में खुलता है. गुफा के प्रवेश द्वार पर अविश्वसनीय रॉक गठन है. दंडक गुफा ठंडी है और एक पहाड़ी पर स्थित है. दंडक गुफा पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय जगह है.
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दलपत सागर झील छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है. यह जगदलपुर में स्थित है और 400 से अधिक वर्ष पहले राजा दलपत देव काकतीय द्वारा वर्षा जल को जमा करने के लिए बनवाया गया था. झील के बीच में एक द्वीप है जिस पर एक प्राचीन मंदिर है. बता दें झील तक पहुँचने के लिए नाव किराए पर लेनी पड़ती है.