Varuthini Ekadashi 2022 Date: साल में 24 एकादशी तिथि होती हैं. हर एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग होता है. पंचांग के अनुसार वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं. इस बार वरुथिनी एकादशी 16 अप्रैल दिन रविवार को पड़ रही है. इस एकादशी को कल्याणकारी एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को रखने वाले भक्त जो पूरे मन से भगवान श्री विष्णु भगवान पूजा करते हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यह व्रत रखने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से कन्यादान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है. जानें वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पारण का समय समेत पूरी डिटेल…
वरुथिनी एकादशी रविवार, अप्रैल 16, 2023 को
एकादशी तिथि प्रारंभ – अप्रैल 15, 2023 को 08:45 अपराह्न
एकादशी तिथि समाप्त – अप्रैल 16, 2023 को 06:14 अपराह्न
17 अप्रैल को पारण का समय – 05:54 सुबह से 08:29 सुबह तक
पारण के दिन द्वादशी समाप्ति मुहूर्त – 03:46 शााम
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व्रत रखने के नियम के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व जल में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करनी चाहिए.
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इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें.
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इस दिन की पूजा में भगवान को खरबूजे का भोग लगाना चाहिए और मन ही मन भगवान विष्णु नाम का जाप करना चाहिए.
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तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, एकादशी व्रत में श्री विष्णु को तुलसी जल अर्पित करना चाहिए.
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साथ ही पूजा के समय एकादशी व्रत की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए.
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वरुथिनी एकादशी का व्रत रख रहे लोगों को उस दिन भोजन नहीं करना चाहिए.
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प्रसाद में फलाहार लेना चाहिए.
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इस दिन नमक के सेवन से भी बचना चाहिए.
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धार्मिक मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मन को शांति मिलती है. इस व्रत को रख रहे लोगों को पूजा के दौरान ओम नमो भागवत वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.