Digital India Act: मोदी सरकार कब तक लायेगी डिजिटल इंडिया अधिनियम? IT मंत्री ने कही यह बात
What Is Digital India Act - आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया एक्ट (DIA) बड़ी टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स के बीच किसी भी तरह के विषम संबंध को हल करेगा, ताकि इंटरनेट पर स्टार्टअप्स जो चीजें करना चाहते हैं, उनकी विकृति को रोका जा सके.
IT Minister Rajeev Chandrasekhar on Digital India Act : एआई और डीप फेक वीडियोज के दुष्प्रभावों के चलते इस समय दुनिया परेशान है. दुनिया भर के तमाम देशों के साथ-साथ भारत भी इसे लेकर चिंतित है. इस बीच आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया अधिनियम के तहत इन सभी परेशानियों को परेशानियों को शामिल किया जाएगा. आपको बता दें कि यह नया अधिनियम वर्तमान आईटी अधिनियम की जगह लेगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार अगले आम चुनाव से पहले डिजिटल इंडिया अधिनियम लागू नहीं पर पाएगी, क्योंकि इसके लिए व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श करने के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है. इस अधिनियम को लागू करने का मकसद 23 साल पुराने आईटी अधिनियम 2000 को बदलना है.
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‘ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2023’ में मंत्री ने कहा कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम की नियमावली को इस महीने के अंत में विचारविमर्श के लिए पेश किया जाएगा. दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत तक इनके अधिसूचित होने की उम्मीद है.
आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया एक्ट (DIA) बड़ी टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स के बीच किसी भी तरह के विषम संबंध को हल करेगा, ताकि इंटरनेट पर स्टार्टअप्स जो चीजें करना चाहते हैं, उनकी विकृति को रोका जा सके.
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चंद्रशेखर ने कहा कि मौजूदा आईटी अधिनियम में इंटरनेट शब्द नहीं है. इस बात पर आम सहमति है कि इसे (पुराने अधिनियम) सुरक्षित रूप से हटाया और बदला जा सकता है. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, उत्तराधिकारी अधिनियम को डिजिटल इंडिया अधिनियम कहा जाता है, जिस पर कार्य प्रगति पर है. हमारे पास मसौदा तैयार है और इस पर काफी काम हुआ.
मंत्री ने कहा, मुझे संदेह है कि अगले चुनाव से पहले हम इस पर कानून नहीं बना पाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री जिन चीजों पर जोर दे रहे हैं उनमें से एक यह है कि हमें हर डिजिटल कानून पर बड़े पैमाने पर विचार-विमर्श करने की जरूरत है. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि हमारे पास उसके लिए पर्याप्त समय है. प्रस्तावित डिजिटल इंडिया कानून (डीआईए) में ऑनलाइन मंचों पर अधिक ध्यान दिया गया है.
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