आपकी सैलरी में 5 या 10 लाख कौन सी कार है परफैक्ट, कितना होना चाहिए बजट, जानें कैलकुलेशन
कई बार ऐसा होता है कि नौकरी करने वाले लोग गाड़ी खरीद लेते हैं, लेकिन वे उसका ढंग से मेंटेनेंस नहीं कर पाते. उसके खर्चों से परेशान होने लगते हैं. इसका कारण यह है कि वे लोग कार खरीदने से पहले कैलकुलेशन नहीं करते. ऐसा करने पर न केवल उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती है.
नई दिल्ली : त्योहारी सीजन के दौरान क्या आप दिवाली में अपने घर पर कार खरीदकर लाने का प्लान बना रहे हैं? आपकी आमदनी का जरिया क्या है? कहीं आप नौकरी-पेशा तो नहीं हैं? अगर आप नौकरी करते हैं, तो आप अपनी गाढ़ी कमाई से पाई-पाई जोड़कर गाड़ी खरीदेंगे या फिर कार लोन लेंगे? हम आपसे इतना सवाल पूछ रहे हैं, तो आप ये मत समझ लीजिएगा कि हम आपको चेताने जा रहे हैं या फिर आपको गाड़ी खरीदने से मना कर रहे हैं. यह कतई मत सोचिएगा, बल्कि हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आपकी सैलरी के हिसाब से आपके के लिए कौन सी कार परफैक्ट होगी. गाड़ी खरीदें और शौक से खरीदें, लेकिन आपकी सैलरी के हिसाब से बजट कितना होना चाहिए, यह जान लेना बेहद जरूरी है.
कई बार ऐसा होता है कि नौकरी करने वाले लोग गाड़ी खरीद लेते हैं, लेकिन वे उसका ढंग से मेंटेनेंस नहीं कर पाते. उसके खर्चों से परेशान होने लगते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वे लोग कार खरीदने से पहले कैलकुलेशन नहीं करते. ऐसा करने पर न केवल उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती है, बल्कि उनके घर का बजट भी बिगड़ने लगता है. ऐसे में, कार खरीदने से पहले उसकी कीमतों के साथ-साथ उसके मेंटेनेंस पर होने वाले खर्चों के बारे में पाई-पाई का हिसाब पहले ही कर लिया जाए, तो गाड़ी खरीदने के बाद परेशानी नहीं बढ़ेगी. इसके लिए यह देखना बेहद जरूरी है कि सैलरी से आपकी मासिक आमदनी कितनी होती है और हर महीने घर का बजट कितना है. इन सभी बातों पर गौर करते हुए अगर फॉर्म्यूला तैयार किया जाए, तो कार खरीदने के बाद परेशानी नहीं होगी. आइए, जानते हैं कि आपकी सैलरी के हिसाब से कौन सी कार आपके लिए परफैक्ट होगी और उसके लिए बजट कितना होना चाहिए.
सैलरी से साल में होने वाली कमाई और कार की कीमत
कार खरीदने के दौरान इस बात पर ध्यान देना बेहद जरूरी है कि कार की कीमत सैलरी से एक साल में होने वाली कुल आमदनी से 40 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. मान लें कि सैलरी से आपकी सालाना आमदनी 10 लाख रुपये है, तो आपकी कार की कीमत 4 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए. अब इसमें भी यह ध्यान देने की जरूरत है कि अगर इस आमदनी पर आपने कोई और भी लोन ले रखा है, तो सालाना आमदनी से उसको माइनस कर देना होगा. मान लें कि सैलरी से सालाना आमदनी 10 लाख है और साल में दो लाख रुपये आपको लोन ईएमआई में खर्च हो जाता है, तो इसे माइनस करने के बाद आपकी सालाना आमदनी केवल 8 लाख रुपये होगी.
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हर महीने की आमदनी और कार की ईएमआई
अब अगर आप कार लोन लेकर गाड़ी खरीदते हैं, तो आपकी किस्त का अनुपात भी आपकी मासिक आमदनी के अनुरूप होना चाहिए. इसमें आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपकी मासिक आमदनी के 30 फीसदी से अधिक आपकी कार की ईएमआई न बैठे. मान लें कि आपकी मासिक आमदनी 70 हजार रुपये है, तो आपकी कार की किस्त 21 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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अधिक से अधिक डाउनपेमेंट करें
अब अगर आप कार लोन की ईएमआई का भार खुद पर अधिक नहीं उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए कार खरीदने के दौरान आपको अधिक से अधिक रकम डाउनपेमेंट कर देना चाहिए. हो सके तो खरीद के दौरान कार की कुल कीमत का कम से कम 30 फीसदी डाउनपेमेंट कर दें. इससे आप पर लोन का भार कम पड़ेगा और आपकी मासिक ईएमआई की रकम कम हो जाएगी.