Bengal Election 2021 : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने अपने किला मजबूत करने में लग गई है. पार्टी ने इसी कड़ी में टीएमसी सरकार ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग पर से 70 केस वापस लेने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से दार्जिलिंग क्षेत्र में टीएमसी को बड़ा साभ मिल सकता है. वहीं बीजेपी ने इसको लेकर टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है.
राज्य सरकार ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (Gorkha janmukti morcha)) नेता बिमल गुरुंग के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, कानून विभाग की ओर से दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कार्सियांग जिले की पुलिस को बिमल गुरुंग के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया गया है. जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने गुरुंग के खिलाफ 70 से अधिक मामलों को वापस लेने के लिए अदालत में अर्जी भी दायर की है.
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में गोरखालैंड राज्य की मांग करते हुए बिमल गुरुंग के नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ था. राज्य सरकार ने बिमल गुरुंग पर देशद्रोह, हत्या, अवैध हथियार रखने, बम-गोली रखने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एक सौ से अधिक मामले किये थे. जानकारी के अनुसार, यूएपीए व हत्या के मामलों को छोड़ कर बिमल गुरुंग के खिलाफ दर्ज मुकदमों को राज्य सरकार ने वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन मामलों के कारण बिमल गुरुंग पिछले तीन साल से फरार बताये जा रहे हैं.
लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि जब तक वह भाजपा के समर्थन में थे तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तलाश रही थी, लेकिन जैसे ही पिछले वर्ष दुर्गापूजा के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करने की बात कही, उसके बाद से वह बिना किसी रोक टोक के कोलकाता से लेकर दार्जिलिंग तक आना जाना कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूएपीए एक्ट व हत्या के मामलों में गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर उत्तर बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने गुरुंग के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वहीं, बिमल गुरुंग के सहयोगी रोशन गिरि का दावा है कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है. भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह नहीं पता है कि बिमल गुरुंग के साथ उनका क्या समझौता है. क्या ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल की तीन सीटों के लिए अलग राज्य का वादा तो नहीं कर दिया है.
Posted By : Avinish kumar mishra