Sanket Sargar: जानें कौन हैं संकेत सरगर, जिसने कॉमनवेल्थ में भारत को दिलाया सिल्वर मेडल
संकेत सरगर के पिता महादेव सरगर कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने के बाद कहा, मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरे बेटे ने रजत पदक जीता है. मेरी चाय और पान की दुकान है जिससे मैं अपना खर्चा चलाता हूं.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games) में भारत का खाता खुल चुका है. वेटलिफ्टर संकेत महादेव सरगर (sanket sargar) ने पुरूषों की 55 किलो भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया. उन्होंने 248 किलो (113 और 135 किलो) वजन उठाकर इतिहास रच डाला. हालांकि केवल एक किलो से सरगर गोल्ड जीतने से चूक गये.
महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले हैं सरगर, पिता चलाते हैं पान की दुकान
संकेत सरगर महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता पान की दुकान चलाते हैं. मेडल जीतने के बाद सरगर ने कहा, मैं खुश हूं लेकिन मैं खुद से नाराज भी हूं क्योंकि मुझे स्वर्ण पदक जीतना था और मैंने स्वर्ण पदक के लिए तैयारी भी की थी. मैं 4 साल से स्वर्ण पदक के लिए तैयारी कर रहा था और स्वर्ण पदक एक कदम की दूरी पर था. मुझे इस पदक के मिलने पर खुशी है कि ये देश का पहला पदक है. उन्होंने बातचीत में कहा, वह अपने पिता को अब आराम करते देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, मैं अपने पिता की मदद करूंगा. उन्होंने काफी मेहनत किया है. मैं अब उन्हें खुशियां देना चाहता हूं.
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मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरे बेटे ने रजत पदक जीता है। मेरी चाय और पान की दुकान है जिससे मैं अपना खर्चा चलाता हूं। मेरी बेटी ने हरियाणा के पंचकुला में स्वर्ण पदक जीता और बेटे ने लंदन में रजत पदक जीता है जिससे मैं खुश हूं: संकेत महादेव सरगर के पिता महादेव सरगर, सांगली #CWG2022 https://t.co/KwG82AYr4h pic.twitter.com/saJQzPtlsk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 30, 2022
बेटे की उपलब्धि पर खुश हैं पिता महादेव सरगर
संकेत महादेव सरगर के पिता महादेव सरगर कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने के बाद कहा, मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरे बेटे ने रजत पदक जीता है. मेरी चाय और पान की दुकान है जिससे मैं अपना खर्चा चलाता हूं. मेरी बेटी ने हरियाणा के पंचकुला में स्वर्ण पदक जीता और बेटे ने लंदन में रजत पदक जीता है जिससे मैं खुश हूं.
चोटिल होने के बाद भी संकेत सरगर ने जीता मेडल
संकेत सरगर गोल्ड मेडल जीतने से केवल एक किलोग्राम पीछे रह गये. अपने अभियान के दौरान वो चोटिल हो गये. महाराष्ट्र के सांगली जिले के 21 वर्ष के सागर स्वर्ण पदक की ओर बढ़ रहे थे लेकिन क्लीन एंड जर्क में दो प्रयास नाकाम रहने से वह एक किलो से चूक गए. उन्होंने 248 किलो (113 और 135 किलो) वजन उठाकर रजत पदक जीता. सागर स्नैच में शीर्ष पर रहे थे लेकिन क्लीन एंड जर्क में एक ही प्रयास कामयाब रहा जिसमें उन्होंने 135 किलो वजन उठाया. इसके बाद चोट के कारण वह दूसरे और तीसरे प्रयास में 139 किलो नहीं उठा सके. पिछली बार भारत ने भारोत्तोलन में पांच स्वर्ण समेत नौ पदक जीते थे. शाम को पी गुरूराजा (61 किलो), ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू (49 किलो) और एस बिंदियारानी देवी (55 किलो) भी पदक की दौड़ में होंगे.
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने सरगर को दी बधाई
संकेत सरगर के पदक जीतने के बाद देश की नयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बधाई दी.