कोलकाता : पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि ऐसी शक्तियों के विरुद्ध सावधान रहने की जरूरत है, जो बंगाल के समृद्ध इतिहास का सफाया करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले साल ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को पहुंचाये गये नुकसान का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने लोगों से यह अपील की.
पार्थ चटर्जी ने शनिवार को यहां विद्यासागर की 200वीं जयंती के मौके पर विद्यासागर अकादमी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिन ताकतों ने प्रतिमा को नष्ट किया था, वह बंगाल की धरोहर एवं संस्कृति को मिटाने की कोशिश में जुटी है.
मई, 2019 में यहां विद्यासागर कॉलेज में इन बहुज्ञ की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गयी थी. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच झड़प के दौरान ऐसा हुआ था.
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दोनों दलों ने इस घटना के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था. एक महीने बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उसी स्थान पर विद्यासागर की नयी प्रतिमा लगा दी थी. श्री चटर्जी ने कहा, ‘हम यह कभी नहीं भूलेंगे कि कैसे धर्म आधारित राजनीति करने वाली एक पार्टी द्वारा विद्यासागर की 200वीं जयंती समारोह शुरू होने से महज कुछ महीने पहले इन शिक्षाविद की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘वे रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरुल इसलाम, बंकिम चंद्र चटर्जी, मधुसूदन दत्त के नामों को इतिहास की पुस्तकों से मिटाना चाहते हैं. लेकिन, क्या वे हमारे इन महान लोगों को इतिहास के पन्नों से हटा सकते हैं? लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते?’
‘बंगाल के इतिहास के पुनर्लेखन’ की कोशिश का आरोप लगाते हुए मंत्री ने लोगों से ‘राज्य की संस्कृति पर हमले’ की किसी भी कोशिश के खिलाफ जागरूक रहने का आह्वान किया.
Posted By : Mithilesh Jha