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कौन हैं विग्नेश, जो इंजीनियर से जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय और अब NIACL परीक्षा पास कर बने सरकारी ऑफिसर

जब पिता को हार्ट अटैक आया तो नौकरी छोड़नी पड़ी. इस दौरान जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय बन फूड डिलीवरी भी कि लेकिन हार नहीं मानी. सरकारी नौकरी करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए तैयारी की और एनआईएसीएल क्रैक कर सरकारी ऑफिसर बने.

Vignesh Who became Zomato delivery boy from engineer and now government officer: घर की माली हालत ठीक नहीं थी लेकिन माता-पिता ने हरकदम पर पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया. मेहनत कर इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट पाने में सफल रहे और एक कंपनी में जॉब करने लगे लेकिन फिर पिता को हार्ट अटैक आया और नौकरी छोड़नी पड़ी. इस दौरान जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय बन फूड डिलीवरी भी कि लेकिन हार नहीं मानी. सरकारी नौकरी करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए तैयारी की और एनआईएसीएल क्रैक कर सरकारी ऑफिर बने. लेकिन सफलता की यह राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी. जानें विग्नेश ने इंजीनियंरिग से जोमैटो ब्वॉय और फिर सरकारी अफसर बनने तक का सफर कैसे पूरी किया ?

एनआईएसीएल एओ परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने परिवार के लिए सम्माल अर्जित किया

26 वर्षीय विग्नेश के लिए, एनआईएसीएल एओ परीक्षा उत्तीर्ण करने का मतलब उनके और उनके परिवार के लिए सामाजिक सम्मान अर्जित करना था. उनका मानना ​​है कि इससे वह अपने बूढ़े माता-पिता को आरामदायक जिंदगी दे सकेंगे. एक समय ऐसा भी था जब विग्नेश जोमैटो ब्वॉय बन कर फूड डिलीवरी का काम कर रहे थे.

2019 में एक निजी फर्म में काम कर रहे थे जब पिता को दिल का दौरा पड़ा

विग्नीश डीएम 2019 में एक निजी फर्म में काम कर रहे थे, जब उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा. उन्होंने मदद के लिए अपनी कंपनी का रुख किया लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को तीन साल तक कंपनी में रहना होगा. वह क्षण विग्नीश की स्मृति में अंकित हो गया और उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित किया.

आज हैं एक प्रशासनिक अधिकारी

आज, वह ‘द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ में एक प्रशासनिक अधिकारी (एओ) हैं. लेकिन उनकी यात्रा इतनी आसान नहीं रही. तमिलनाडु के धर्मपुरी के रहने वाले, विग्नीश का जन्म ऐसे माता-पिता के घर हुआ था जो शिक्षित नहीं थे लेकिन उन्होंने उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. वह चेन्नई के राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट सुरक्षित करने में सफल रहे. 2017 में स्नातक होने के बाद, उन्होंने अपने पिता की तबीयत खराब होने तक दो साल तक एक निजी कंपनी में काम किया.

जब पिता ठीक हुए तब सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किया

नौकरी छोड़ने के बाद, उन्होंने अपने पिता की देखभाल की और एक बार जब सब कुछ पटरी पर आ गया, तो विग्नीश ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने का फैसला किया. एक बच्चे के रूप में भी, उनके माता-पिता चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें क्योंकि उन्होंने सरकारी अधिकारियों को मिलने वाले सम्मान को देखा था. उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए वेरंडा रेस कोचिंग में शामिल हो गए. आज, वह ‘द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ में एक प्रशासनिक अधिकारी (एओ) हैं.

जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय बन 10 हजार प्रति महीने कमाए

विग्नीश 2022 में सरकारी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए चेन्नई वापस आए, इसकी वजह यह थी कि उनके गृहनगर में परीक्षा के लिए कोई केंद्र नहीं था. ऐसे में कुछ महीनों के लिए चेन्नई में रहने का फैसला किया लेकिन इस बीच उन्होंने अपनी खर्च चलाने के लिए जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी की. इस दौरान विग्नेश ने प्रति महीने करीब 10 हजार रुपए कमाए.

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