FIFA World Cup: मोरक्को के गोलकीपर Yassine Bounou हैं ऐसी दीवार, जिसे तोड़ नहीं सकी हैं विरोधी टीम

FIFA World Cup 2022 : बुनो ने मोरक्को सीनियर टीम में 2013 में पदार्पण किया था. अब तक 50 मैच खेल चुके हैं. हालांकि 2018 के बाद पहले गोलकीपर के तौर पर टीम में सेवा दे रहे हैं. बुनो फिलहाल क्लब फुटबॉल में सेविला की ओर से खेलते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2022 7:09 AM

FIFA World Cup News : जब फीफा विश्व कप फुटबॉल की ओपनिंग 20 नवंबर को हुई, तो दूर-दूर तक मोरक्को खिताब के दावेदारों में नहीं था. पर, अब यह हर फुटबॉल प्रेमियों के दिमाग में छाया हुआ है. इस टीम ने कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप 2022 में ऐसा प्रदर्शन किया है कि दुनिया देखती रह गयी है. 22वें नंबर की टीम मोरक्को मौजूदा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है. अब सामना फ्रांस से होगा.

3.67 करोड़ की जनसंख्या वाला यह छोटा सा नॉकआउट मुकाबले में स्पेन और पुर्तगाल जैसी मजबूत टीमों को धूल चटाया. टीम की इस सफलता में अगर सबसे बड़ा योगदान है, तो वह मोरक्को के गोलकीपर यासीन बुनो का. कतर विश्व कप में वह ऐसी चट्टान बन कर उभरे हैं, जिसे विपक्षी टीमें भेद नहीं सकी हैं. इस बार लीग सहित मोरक्को ने पांच मुकाबले खेले हैं, जिनमें से चार में जहां जीत मिली है, वहीं एक मैच ड्रॉ रहा. टीम अब तक टूर्नामेंट में अजेय है. तीन जीत, तो उनसे ऊंची रैंक वाली टीमें बेल्जियम, स्पेन और पुर्तगाल के खिलाफ मिली है. खास बात यह है कि मोरक्को ने सिर्फ कनाडा के खिलाफ एक गोल खाया है, वह भी आत्मघाती था.

मोरक्को की कामयाबी के पीछे उसके खिलाड़ियों का राष्ट्रप्रेम भी

मोरक्को की सफलता के पीछे खिलाड़ियों की दिन-रात की मेहनत भी है. मोरक्को के काफी लोग फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड जैसे देशों में बसे हुए हैं. लेकिन जब अपने मुल्क के लिए खेलने की बारी आती है, तो कोई पीछे नहीं हटते हैं. मौजूदा टीम के भी कई सितारे- हाकिम जिएच, सोफियान बाउफल, रोमेन सैस, अशरफ हकीमी और यासिन बोनो या तो विदेशों में पैदा हुए या फिलहाल विदेशी लीगों में खेलते हैं. खिलाड़ियों के इस बदलाव में टीम के कोच वालिद रेगरागुई की भी अहम भूमिका निभायी है, जिन्होंने चंद महीनों में ही टीम की किस्मत पलट दी.

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बुनो का सीनियर टीम में 2013 में हुआ था पदार्पण

बुनो ने मोरक्को सीनियर टीम में 2013 में पदार्पण किया था. अब तक 50 मैच खेल चुके हैं. हालांकि 2018 के बाद पहले गोलकीपर के तौर पर टीम में सेवा दे रहे हैं. बुनो फिलहाल क्लब फुटबॉल में सेविला की ओर से खेलते हैं.

भारत में भी खेल चुके हैं मैच

यासीन बुनो भारत में भी आकर फुटबॉल खेल चुके हैं. बुनो साल 2018 में एक फ्रेंडली मैच के लिए के यहां आये थे. इस प्रतियोगिता में केरला ब्लास्टर, मेलबर्न सिटी एफसी और स्पेन की गिरोना ने हिस्सा लिया था. बुनो गिरोना टीम के सदस्य थे. मेलबर्न सिटी के खिलाफ गिरोना की टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था. इस मैच में भी बुनो का योगदान बहुत बड़ा रहा था, जिसके कारण गिरोना ने 6-0 से मुकाबले को अपने नाम कर लिया था.

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