Birbhum Blast: माड़ग्राम पंचायत पर किसका होगा कब्जा? हिसंक झड़प के बाद खड़ा हुआ बड़ा सवाल

बीरभूम के माड़ग्राम पंचायत पर शनिवार को हुए हिंसक झड़प और बमबाजी में तृणमूल कार्यकर्ता न्यूटन शेख की मौत हो गई. इस झड़प के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस पंचायत पर आखिर किसका कब्जा होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2023 10:28 AM
an image

बीरभूम, मुकेश तिवारी. बीरभूम जिले के माड़ग्राम एक पंचायत दखल और इलाका दखल को केंद्र कर ही तृणमूल कांग्रेस समर्थित पंचायत प्रधान भुट्टो शेख और पूर्व पंचायत प्रधान और कांग्रेस समर्थित वर्तमान पंचायत सदस्य सुजाउद्दीन शेख के बीच शनिवार को हुई हिंसक झड़प के दौरान ही बमबारी में प्रधान के भाई लालटू शेख और उसके दोस्त तृणमूल कार्यकर्ता न्यूटन शेख की मौत हो गई. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है की दोनों ही नेताओं और उनके समर्थकों के बीच यह कोई पहली घटना नहीं घटी है.

पहले भी होती आई है झड़प

इसके पूर्व भी लगातार इलाका दखल और कट मनी को लेकर झड़प और बमबाजी की घटना होते आई है. लेकिन इस बार दोहरे हत्याकांड के कारण मामला समूचे बंगाल और देश की सुर्खियां बन गई. भले ही पुलिस ने आरोपी सुजाउद्दीन शेख समेत उसके दो पुत्रों के साथ छह लोगो को गिरफ्तार किया. बताया जाता है की वर्ष 2013 से 2018 तक तृणमूल के समर्थन में सुजाउद्दीन शेख माड़ग्राम एक ग्राम पंचायत के प्रधान थे. हालांकि इसके पूर्व वे कांग्रेस में थे. इसके बाद वर्ष 2018 में तृणमूल कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर सुजाउद्दीन शेख चुनाव जीत दर्ज की थी.

पंचायत का प्रधान भुट्टो शेख को बनाया गया था. बताया जाता है की भुट्टो शेख के प्रधान बनने के बाद ही गत विधानसभा चुनाव के दौरान सुजाउद्दीन शेख भाजपा में चले गए थे. भाजपा का प्रदर्शन बेहतरीन नही होने पर वह पुनः कांग्रेस में शामिल हो गए. इस बीच वे केवल पंचायत सदस्य रहे. लेकिन इलाके में सुजाउद्दीन शेख अपने वर्चस्व को पाने के लिए भुट्टो शेख के समर्थकों के साथ रह रह कर लड़ाई जारी रही. लेकिन गत शनिवार की रात यह लड़ाई इतना भयावह हो जाएगी किसी ने नही सोचा था.

तृणमूल कार्यकर्ता की मौत

सुजाउद्दीन शेख के समर्थकों द्वारा बमबाजी में प्रधान भुट्टो शेख के भाई और एक तृणमूल कार्यकर्ता न्यूटन शेख की मौत ने बागतुई नरसंहार की घटना को पुनः ताजा कर दिया. ग्रामीणों का कहना है की मारे गए दोनों ही युवक काफी अच्छे थे. लेकिन यह खूनी झड़प क्या यही थमेगा या आने वाले पंचायत चुनाव के पूर्व का महज ट्रेलर था. इसे लेकर स्थानीय ग्रामीण आशंकित है.

Exit mobile version