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बंगाल में इस बार लेफ्ट, बीजेपी या ममता? 2021 में किसकी बनेगी सरकार

Bengal Chunav 2021: भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से चुनाव की तैयारी की है, उसे देखते हुए ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राय पर अरविंद केजरीवाल की तरह चुनाव से पहले लोकलुभावन योजनाओं पर फोकस किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2021 5:03 PM

कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों की घोषणा से पहले कहना मुश्किल था कि यहां किसकी सरकार बनेगी. बंगाल में लेफ्ट का शासन लौट आयेगा, राइट (भाजपा) की सरकार बनेगी या ममता बनर्जी अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होंगी.

जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं. आम लोग अपनी राय रखने लगे हैं. इसके साथ ही राजनीतिक विशेषज्ञ इस बात की भविष्यवाणी करने लगे हैं कि चुनाव के परिणाम क्या हो सकते हैं. श्याम सुंदर पोद्दार का मानना है कि इस बार भाजपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है और ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर दे रही है.

श्री पोद्दार कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से चुनाव की तैयारी की है, उसे देखते हुए ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राय पर अरविंद केजरीवाल की तरह चुनाव से पहले लोकलुभावन योजनाओं पर फोकस किया है.

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श्री पोद्दार का कहना है कि स्वास्थ्य साथी योजना, 5 रुपये में भोजन, 10 लाख छात्रों को टैब के लिए 10 हजार रुपये देकर पहले ही इतना लाभ ले लिया कि उसके हिंदू वोट बैंक में भाजपा सेंध नहीं लगा पायेगी. लोकसभा चुनाव में बंगाल के 87 हजार बूथ में से मात्र 20 हजार बूथ पर भाजपा के एजेंट थे.

काफी मजबूत स्थिति में आ गयी है भाजपा

उनका कहना है कि आज भाजपा की स्थिति इतनी मजबूत हो गयी है कि बंगाल के विधानसभा चुनाव 2021 में वह एक लाख से अधिक बूथों पर एजेंट देने की स्थिति में है. सीपीएम ने ब्रिगेड में विशाल जनसभा करके अपने वोटों को भाजपा की ओर जाने से रोकने की पूरी कोशिश की.

ममता ने राज्य के 27 प्रतिशत मुस्लिम वोट में 20 प्रतिशत से अधिक वोट लोकसभा के चुनाव में हासिल करके सीपीएम व कांग्रेस के मुर्शिदाबाद की किला में सेंध लगा दी. दोनों दलों की एक-एक सीट तृणमूल ने छीन ली. उसके साथ बड़ा खेल हो गया.

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श्री पोद्दार कहते हैं कि सीपीएम ने धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ समझौता करके ममता को मिलने वाले एकमुश्त 20 प्रतिशत वोट में सेंध लगा दी है. मुस्लिम महिलाएं पुरुषों को चार-चार निकाह करने की छूट से खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. उनके पढ़े लिखे समूह को यह विश्वास हो गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही समान नागरिकता कानून बनाने का साहस दिखा सकते हैं.

मुस्लिम महिला किसी की नहीं सुनेंगी?

श्री पोद्दार कहते हैं कि तीन तलाक से मुक्ति पाने की चाह रखने वलाी महिलाएं मतदान करते समय किसी की नहीं सुनेंगी. श्याम सुंदर पोद्दार मानते हैं कि ये वोट सीधे भाजपा के खाते में जायेगी. उनका अनुमान है कि ममता बनर्जी को कम से कम 6 फीसदी वोटों का नुकसान होगा.

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श्याम सुंदर पोद्दार, जो वर्षों से चुनावों से पहले मतदाताओं की मिजाज पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, के आंकड़े बताते हैं कि भाजपा विधानसभा चुनाव में 180 सीटें जीत सकती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस 85 सीटों पर सिमट जायेगी. कांग्रेस-लेफ्ट-आइएसएफ गठबंधन को 27 सीटें मिलने का अनुमान वह जता रहे हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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