झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2022 को समाप्त करने की मांग को लेकर बुधवार से खाद्यान्न की सभी थोक मंडियां एवं खुदरा कारोबार अनिश्चितकालीन के लिए बंद रहेंगे. इस दौरान माल के उठाव से लेकर उत्पादन तक ठप रहेगा. जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ ने बुधवार से बेमियादी बंदी की लिखित सूचना उपायुक्त और एसडीएम को दे दी है. आंदोलन से खाद्यान्न, फल, आलू- प्याज का खुदरा और थाेक कारोबार प्रभावित होगा.
बेमियादी हड़ताल के चलते मंगलवार को कृषि बाजार थोक मंडी में काफी भीड़ देखी गयी. छोटे कारोबारियों ने सुबह से लेकर देर शाम तक खरीदारी की. हड़ताल के चलते खुदरा बाजार में सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं. बाजार समिति में एक दिन में खाद्यान्न, फल व आलू-प्याज का लगभग 10 करोड़ का कारोबार होता है. जिला चेंबर के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि जिले के सभी 55 चेंबर, जो खाद्यान्न, आलू-प्याज, फल व अंडा का कारोबार करते हैं, से बंद रखने का आह्वान किया गया है. दो प्रतिशत शुल्क लागू होने से महंगाई और बढ़ेगी. बाजार समिति चेंबर के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि जब तक सरकार कृषि बिल वापस नहीं लेती है, सभी व्यवसायी बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे.
बैंक मोड़ चेंबर एवं धनबाद डिस्ट्रिक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन ने भी बंद का समरन्थ किया है. बैंक मोड़ चेंबर के अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने कहा कि यह शुल्क इंस्क्टर पे राज और नौकरशाह के भयादोहन से 200 प्रतिशत के बोझ में तब्दील हो जायेगा. इसका जोरदार विरोध होगा. चेंबर ऑफ कॉमर्स गोविंदपुर कीबैठक मंगलवार को अध्यक्ष राजेश दुदानी की अध्यक्षता में हुई. यहां भी अनाज, फल, सब्जी आदि कीदुकानें पूरी तरह बंद रखने का निर्णय लिया गया. बैठक में सचिव संजय साव, प्रसेनजीत अग्रवाल, ललित केजरीवाल, शंभु प्रसाद भगत, शिवम बजाज, गुड्डू यादव, शेरू मित्तल आदि शामिल थे. इस बीच, भाजपा ने व्यवसायियों के आंदोलन का समर्थन किया है. मंगलवार को महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, जिला उपाध्यक्ष मानस प्रसून, सू मीडिया प्रभारीदेवाशीष पाल बाजार समिति पहुंचे और आंदोलन के पूर्ण समर्थन की घोषणा की.