Chirag Paswan: जमुई के लोजपा के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव चंडी निषाद ने शनिवार को बताया कि जमुई के सांसद चिराग पासवान का बंगला खाली कराने की साजिश के पीछे उनके चाचा पशुपति पारस और उनके कुनबे का हाथ है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चिराग पासवान के साथ-साथ अतिपिछड़ा के नेता मुकेश सहनी को भी निशाना बनाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, लोजपा अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव चंडी निषाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि चिराग पासवान का बंगला खाली कराने के पीछे कोई और नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का हाथ है. साथ ही कहा कि आश्चर्यजनक है कि जिस 12 जनपथ को पिछले 40 वर्षों से दलित, महादलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ों के मसीहा कहे जानेवाले और भारत के दूसरे आंबेडकर भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम से जाना जाता था. आज किसी और के नाम से जाना जायेगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता की गर्मी बहुत ज्यादा दिन तक नहीं रहती. यह घटना परिवार तक ही सीमित नहीं है. इस घटनाक्रम का जहर देश के हर कोने तक फैल चुका है. इसे पूरे देश की जनता देख रही है. उन्होंने कहा कि पशुपति पारस के जिस चार सांसद के बहकावे में आकर रामविलास पासवान की आत्मा को ठेस पहुंचाया गया. इसका परिणाम आनेवाले समय में देश की जनता देगी.
चंडी निषाद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि दलित, अतिपिछड़े, शोषित, पीड़ित, वंचित समाज के साथ आपका प्रेम महज छलावा और दिखावा है. देश के दलित नेता को इस तरह अपमानित करना छल-कपट को दर्शाता है. साथ ही कहा कि चिराग पासवान के साथ-साथ अतिपिछड़ा नेता मुकेश सहनी को भी शिकार बनाया है. लेकिन, आनेवाले 2024 में दलित, अतिपिछड़ा, शोषित, पीड़ित और वंचित समाज का खेल शुरू होने जा रहा है.
मालूम हो कि इससे पहले लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मुझे बंगले में रहना होता, तो संघर्ष का रास्ता नहीं चुनता. मुझे बंगला तो खाली करना ही था, लेकिन सरकार द्वारा घर खाली कराने के लिए जो तरीका अपनाया गया है, वह गलत है.