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कैकेयी ने क्यों मांगा था राम के लिए वनवास, जानें भगवान श्रीराम से जुड़े अनोखे रहस्य

भगवान राम के लिए राजा दशरथ से वनवास मांगने के बाद माता कैकेयी को समस्त संसार में घृणा का पात्र बना दिया था. कैकेयी ने क्यों मांगा था राम के लिए वनवास. आइए जानते है भगवान श्रीराम से जुड़े अनोखे रहस्य

By Radheshyam Kushwaha | January 20, 2024 9:13 PM

भगवान श्रीराम आस्था के महान प्रतीक हैं. हम आपको भगवान श्रीराम और रामायण से जुड़े दस रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं. रामायण में भगवान राम के लिए माता कैकेयी द्वारा चौदह वर्षों का वनवास मांगने के समय का विस्तारपूर्वक वर्णन प्रस्तुत है. माता कैकेयी भगवान राम को अपने पुत्र भरत से भी अधिक प्रेम करती थी, लेकिन वह भगवान राम के लिए चौदह वर्षों का वनवास कैसे मांग सकती थी. रामायण की कथा के अनुसार माता कैकेयी ने अपने पुत्र को राज सिंहासन पर बैठने के लिए भगवान राम को चौदह वर्ष के वनवास पर भेजा था. भगवान राम के लिए राजा दशरथ से वनवास मांगने के बाद माता कैकेयी को समस्त संसार में घृणा का पात्र बना दिया था. माता कैकेयी ने राजा दशरथ अथवा रघुवंश को बचाने के लिए भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा था, जिसके कारण पुत्र वियोग में राजा दशरथ की मृत्यु हो गई. आइए जानते है भगवान श्रीराम से जुड़े अनोखे रहस्य…

श्रीराम राजा थे या भगवान

धार्मिक शास्त्रों अनुसार श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार थे और इस वजह से उन्हें भगवान के रूप में पूजा की जाती है, इसी के साथ वो अयोध्या में राजा दशरथ के यहां एक आम इंसान के रूप में ही पैदा हुए और इस वजह से बड़े बेटे होने के नाते उन्हें राजा बनाया गया.

दशरथ ने क्यों दिए थे कैकेयी को दो वर

देवों और असुरों के संग्राम में देवराज इंद्र ने राजा दशरथ से मदद मांगी, इस दौरन इस युद्ध में राजा दशरथ के साथ रानी कैकेयी उनकी सारथी बनकर गई थी. वहीं युद्ध भूमि में रानी कैकेयी ने राजा दशरथ की प्राणों की रक्षा की थी, जिससे खुश होकर राजा दशरथ ने कैकेयी से दो वरदान मांगने को कहा था पर कैकेयी ने कहा कि वह समय आने पर वरदान मांगेगी.

कैकयी ने क्यों मांगा था श्रीराम के लिए 14 वर्षों का वनवास

कैकेयी राजा अश्वपति की बेटी थी. श्रवण कुमार के पिता रत्नऋषि राजा अश्वपति के राजपुरोहित थे, जिसने कैकेयी को शास्त्र वेद पुराण की शिक्षा दी थी. वहीं ज्योतिष गणना के आधार कैकेयी ने 14 वर्ष का वनवास इसलिए मांगा था, क्योंकि दशरथ की मृत्यु के पश्चात यदि चौदह वर्ष के दौरान कोई संतान गद्दी पर बैठ भी गया तो रघुवंश का नाश हो जाएगा.

14 साल तक नहीं सोये लक्ष्मण

जब श्रीराम और सीतामाता और लक्ष्मण को वनवास हुआ तब श्री लक्ष्मण ने अपने भाई श्रीराम और भाभी सीतामाता की रक्षा करने के लिए 14 साल तक नींद नहीं ली. लक्ष्मण को निद्रादेवी दर्शन दिया गया जिसमें उन्होंने अपनी भाभी अर्थात सीता माता और भाई की रक्षा के लिए 14 साल तक नहीं सोने की इच्छा व्यक्त की जिसके बाद निद्रादेवी ने सीता की बहन और लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला से मुलाकात की. वह सभी शर्तों पर सहमत हो गईं और लक्ष्मण के बजाय 14 साल तक सोती रहीं.

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रावण ने माता सीता को क्यों नहीं छुआ

विश्व विजय करने के दौरान जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रम्भा नामक अप्सरा को पकड़ लिया और उसे अपने साथ ले जाना चहा तब रम्भा ने कहा कि मैं आपके बड़े भाई के पुत्र नलकुबेर के लिए हूं, इसलिए आपकी पुत्रवधू समान हूं. रावण ने उसके साथ जबरदस्ती की और तब कुबेर के बेटे नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया कि यदि उसने कभी किसी स्त्री को उसकी आज्ञा के विरुद्ध स्पर्श किया तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे.

श्रीराम ने लक्ष्मण को दिया मृत्युदंड

रामायण में लिखा गया है कि लक्ष्मण श्रीराम और सीता के सभी वचन और आदेश का पालन करते थे, जहां लक्ष्मण रात-दिन श्रीराम की सेवा करते थे. एक बार स्वयं काल के देव यमराज मुनि वेश धारण कर भगवान श्रीराम के दरबार पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने भगवान श्रीराम एक वचन मांगा और इस वचन का पालन नहीं करने पर भगवान राम ने भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड दे दिया.

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