प्रदोष व्रत क्यों रख जाता है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस व्रत को रखने का धार्मिक महत्व

Pradosh Vrat February 2024 Date: प्रदोष व्रत कलियुग में अति मंगलकारी और शिव की कृपा प्रदान करने वाला होता है. प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं.

By Radheshyam Kushwaha | January 30, 2024 3:05 PM

Pradosh Vrat February 2024 Date: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. हर मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है. माघ के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी 2024 दिन बुधवार को है, इसी दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. आइए जानते है प्रदोष व्रत के नियम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में…

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

माघ महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 7 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर होगी. वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति अगले दिन 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगी. प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की पूजा सांध्यकाल में की जाती है. प्रदोष व्रत की पूजा 7 फरवरी की शाम 06 बजकर 05 मिनट से लेकर रात्रि के 08 बजकर 41 मिनट तक के बीच में होगी.

प्रदोष व्रत क्यों रख जाता है?

प्रदोष व्रत कलियुग में अति मंगलकारी और शिव की कृपा प्रदान करने वाला होता है. हर माह की त्रयोदशी तिथि में सायं काल को प्रदोष काल कहा जाता है. प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में महादेव की पूजा करने का विधान है. प्रदोष व्रत करने से जन्म-जन्मान्तर के चक्र से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है, इसके साथ ही जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है.

प्रदोष व्रत कौन रख सकता है?

प्रदोष व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से शुरू किया जा सकता है, इस व्रत को कोई भी रख सकता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. प्रदोष का व्रत एक बार में 11 या 26 प्रदोष तक ही रखा जाता है. इसके बाद इसका उद्यापन कर देना चाहिए.

प्रदोष व्रत के नियम क्या क्या है?

प्रदोष व्रत के दिन पूजा स्थल पर भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें. प्रदोष व्रत के पूरे दिन उपवास रखना चाहिए, इस दिन निर्जला उपवास करना और भी फलदायी माना जाता है. शाम के समय में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद फलहार से अपना व्रत खोलें.

प्रदोष व्रत में क्या करें क्या ना करें?

  • ब्रह्मा मुहूर्त में उठें.

  • स्नान कर सफेद रंग के वस्त्र पहनें.

  • मंत्र का जाप करें.

  • प्रदोष व्रत में हरी मूंग और फलाहार का सेवन करें.

  • व्रत में नमक, लाल मिर्च और अन्न का सेवन न करें.

  • उत्तर-पूर्व की दिशा में मुख करके प्रभु की पूजा करें.

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प्रदोष वाले दिन क्या करना चाहिए?

प्रदोष व्रत के दिन घर में गंगाजल छिड़कने से सुख-शांति और समृद्धि आती है, इससे नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है. गुरु प्रदोष व्रत के लिए शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करने के भी विशेष लाभ मिलते हैं. इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र और पीले रंग के फल फूल अर्पित करना चाहिए.

प्रदोष रहने से क्या फल मिलता है?

प्रदोष काल में भगवान शंकर की प्रार्थना करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है और व्यक्ति सदा नीरोग रहता है. पुराणों के अनुसार जो लोग प्रदोष काल में भक्तिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें धन-धान्य, स्त्री-पुत्र और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ उन्हें हर क्षेत्र में उन्नति मिलती है.

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