क्यों बंगाल में चुनाव प्रचार से दूरी बना रहा गांधी परिवार? सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी पर अधीर रंजन चौधरी ने किया यह दावा

Bengal Chunav 2021, Congress Manifesto: अधीर (Adhir Ranjan Chowdhury) जब यह दावा कर रहे थे, उस वक्त मंच पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संतोष पाठक व विधायक नेपाल चक्रवर्ती मौजूद थे. संयुक्त मोर्चा के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य व विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नहीं थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2021 7:05 PM
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को पार्टी का घोषणा पत्र ‘बांग्लार दिशा’ (बंगाल की दिशा) जारी किया. घोषणा पत्र जारी करते समय श्री चौधरी ने बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पश्चिम बंगाल आयेंगी.

अधीर जब यह दावा कर रहे थे, उस वक्त मंच पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संतोष पाठक व विधायक नेपाल चक्रवर्ती मौजूद थे. संयुक्त मोर्चा के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य व विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नहीं थे.

इन दो नेताओं की अनुपस्थिति पर तरह-तरह की अटकलें लगने लगीं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एआईसीसी के एक सदस्य ने बताया कि अधीर रंजन चौधरी भले ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा गांधी के प्रचार में आने का दावा करें, लेकिन हकीकत यह है कि गांधी परिवार राष्ट्रीय राजनीति को ध्यान में रखकर बंगाल चुनाव में प्रचार करने से कतरा रहे हैं.

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राष्ट्रीय स्तर पर ममता बनर्जी आज भी सोनिया गांधी की पहली पसंद बनी हुईं हैं. ऐसे में वह अगर बंगाल में प्रचार के लिए आती हैं, तो वह ममता के खिलाफ क्या बोलेंगी. पार्टी यहां पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही है.

दूसरी ओर, कांग्रेस ने वाममोर्चा के साथ गठबंधन करके संयुक्त मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ना तय किया है. केरल में माकपा गठबंधन सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ही है. ऐसे में सोनिया, प्रियंका और राहुल अगर वाम मोर्चा के उम्मीदवारों के पक्ष में अपनी राय रखते हैं, तो इसका खामियाजा कांग्रेस को केरल में भुगतना पड़ सकता है.

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इसलिए कांग्रेस के तीनों दिग्गज नेताओं के बंगाल आने की संभावना नहीं के बराबर है. फिलहाल कोशिश यही हो रही है कि ये लोग पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने न आयें. उनकी जगह अन्य लोग प्रचार की जिम्मेवारी संभालें.

Posted By : Mithilesh Jha

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