कराटे में देश का नाम रौशन करने वाली अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को क्यों सता रही है भविष्य की चिंता, पढ़िए ये रिपोर्ट

हजारीबाग (जमालउद्दीन) : हजारीबाग की दो इंटरनेशनल महिला कराटे खिलाड़ी निम्मी कुमारी व फौजिया परवीन संसाधन के अभाव में सिंगापुर में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पायीं. थर्ड इंटरनेशनल ओपन कराटे चैंपियनशिप-2017 में दोनों खिलाड़ियों ने दर्जनों विदेशी महिला खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए ब्राउंज मेडल जीता था. राष्ट्रीय स्तर के ग्लब्स और किट नहीं रहने बावजूद इन दोनों खिलाड़ियों ने देश में राज्य का सिर नहीं झुकने दिया और कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2020 1:15 PM
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हजारीबाग (जमालउद्दीन) : हजारीबाग की दो इंटरनेशनल महिला कराटे खिलाड़ी निम्मी कुमारी व फौजिया परवीन संसाधन के अभाव में सिंगापुर में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पायीं. थर्ड इंटरनेशनल ओपन कराटे चैंपियनशिप-2017 में दोनों खिलाड़ियों ने दर्जनों विदेशी महिला खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए ब्राउंज मेडल जीता था. राष्ट्रीय स्तर के ग्लब्स और किट नहीं रहने बावजूद इन दोनों खिलाड़ियों ने देश में राज्य का सिर नहीं झुकने दिया और कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते.

अब दोनों युवा खिलाड़ी इस खेल में करियर बनाने का सपना देख रही हैं, वहीं समाज में महिलाओं को आत्मनिर्भर व आत्मरक्षा के काबिल बनाने का भी काम कर रही हैं. दोनों सैकड़ों लड़कियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दे रही हैं. हालांकि खुद के कैरियर को लेकर इनकी चिंता बढ़ी हुई है. सरकार के स्तर पर मेडल जीतने के बाद कई आश्वासन मिले. दोनों खिलाड़ी राज्यपाल के कार्यक्रम में भी दो बार आत्मरक्षा का प्रदर्शन कर चुकी हैं.

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निम्मी और फौजिया ने बताया कि सरकार की ओर से छात्रवृत्ति, खेल किट और अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं होने से उन्हें परेशानी हो रही है. मैट नहीं रहने के कारण खुले मैदान में लड़कियों को प्रशिक्षण लेना पड़ता है. फौजिया ने कहा कि उन्हें झारखंड में पहली महिला सेशिनकाई कराटे जज बनने का सौभाग्य मिला है. इस खिलाड़ी ने सरकार से किसी संस्थान या संस्था में प्रशिक्षक के पद पर नियुक्त करने की अपील की है.

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सेशिनकाई कराटे के इंटरनेशनल कोच शिहान उदय कुमार ने बताया कि निम्मी और फौजिया मध्य वर्ग परिवार से आती हैं, लेकिन अपनी हिम्मत और मेहनत से हजारीबाग में रहकर जो मुकाम हासिल किया है, वह छात्राओं व महिला कराटे खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है.

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हजारीबाग की निम्मी कुमारी बड़ा बाजार विष्णु मंदिर रोड की रहनेवाली है. पिता-विजय कुमार गुप्ता व माता संतोषी देवी हैं. निम्मी ने गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल से पढ़ाई की है. इंटर और स्नातक की पढ़ाई केबी महिला कॉलेज से की. सेशिनकाई कराटे कोच शिहान उदय कुमार से प्रशिक्षण लेकर इंटरनेशनल खिलाड़ी बनीं. निम्मी ब्लैक बेल्टर हैं. राज्य व नेशनल गेम में गोल्ड और सिल्वर मेडल छह बार जीता है. इंटरनेशनल प्रतियोगिता में ब्रांउज मेडल प्राप्त किया है. बेस्ट फाइटर की भी उपाधि मिली है.

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फौजिया परवीन डॉ जाहिर हुसैन रोड चिश्तिया मुहल्ला की रहनेवाली है. पिता मो औरंगजेब व माता फिरदौश हैं. मैट्रिक की पढ़ाई यदुनाथ गर्ल्स स्कूल से की. इंटर और स्नातक की पढ़ाई केबी महिला कॉलेज से की. फौजिया ने कक्षा सात में पढ़ाई के दौरान कराटे का प्रशिक्षण शिहान उदय कुमार से लिया. ब्लैक बेल्ट हासिल करने के बाद इस खिलाड़ी ने लगातार तीन बार झारखंड स्टेट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. 2018 में ऑल इंडिया नेशनल प्रतियोगिता दिल्ली में गोल्ड मेडल जीता. 12 देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ब्राउंज मेडल जीता

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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