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ChatGPT बनानेवाले सैम ऑल्टमैन ने कहा- इंसान की जगह AI…

ChatGPT बन रहा बेहतर : सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि ChatGPT लगातार बेहतर हो रहा है और नवंबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से यह बहुत बदल गया है और बेहतर बन गया है. एआई की मौजूदा समय में बहुत सीमित क्षमता और बहुत बड़ी खामियों के बावजूद लोग इसका इस्तेमाल उत्पादकता एवं अन्य लाभ बढ़ाने के तरीके ढूंढ रहे हैं.

Can AI Replace Human Care ? चैटजीपीटी (ChatGPT) को डेवलप करनेवाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (AI , एआई) एक-दूसरे के लिए इंसानी देखभाल की उसी तरह जगह नहीं लेगी जैसे कंप्यूटर शतरंज के खेल को खत्म नहीं कर पाया.

AI का इस्तेमाल कहां हो?

सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में ‘अशांत दुनिया में प्रौद्योगिकी’ विषय पर आयोजित एक सत्र में कहा कि एआई की मौजूदा समय में बहुत सीमित क्षमता और बहुत बड़ी खामियों के बावजूद लोग इसका इस्तेमाल उत्पादकता एवं अन्य लाभ बढ़ाने के लिए करने के तरीके ढूंढ रहे हैं.

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AI की सीमाएं

ऑल्टमैन ने कहा, लोग उपकरणों की सीमाओं को कहीं अधिक समझते हैं. लोग काफी हद तक यह समझते हैं कि इसका इस्तेमाल किस लिए नहीं करना चाहिए. ओपनएआई के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एआई हमें अपना तर्क समझा पाएगा.

यूजर का माइंड रीड करने में एआई सक्षम

उन्होंने कहा, मैं आपकी सोच को जानने के लिए आपके मस्तिष्क में नहीं देख सकता. लेकिन मैं आपसे अपना तर्क समझाने के लिए कह सकता हूं. मुझे लगता है कि हमारे एआई सिस्टम भी यह काम करने में सक्षम होंगे. इसके साथ ही उन्होंने एआई प्रौद्योगिकी की जांच का भी स्वागत किया.

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समाज और प्रौद्योगिकी को एक साथ विकसित होने दें

उन्होंने कहा, हमारे जैसी कंपनियों के प्रति दुनिया की सामान्य घबराहट और बेचैनी को लेकर मेरे मन में बहुत सहानुभूति है. हमारी भी अपनी बेचैनी है. समाज और प्रौद्योगिकी को एक साथ विकसित होने दें.

ChatGPT और AI पर यह कह चुके हैं सैम ऑल्टमैन

ChatGPT बन रहा बेहतर : सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि ChatGPT लगातार बेहतर हो रहा है और नवंबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से यह बहुत बदल गया है और बेहतर बन गया है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि AI टूल पर्फेक्ट नहीं है और इसकी कुछ सीमाएं हैं.

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इंसानों की नौकरी ले रहा AI : ऑल्टमैन ने कहा है कि AI इंसानों की नौकरी ले रहा है और बहुत से एक्सपर्ट्स ने ChatGPT जैसे AI को लेकर यह चिंंता जताई है. बहुत सी जगहों पर यह शिफ्ट नजर भी आने लगा है.

क्या मानवता को प्रभावित करेगा AI : AI एक मशीन है और इसलिए इससे इंसानियत की उम्मीद तो नहीं ही की जा सकती है. कुछ डेवेलवर्स का कहना है कि AI इंसानों को उनके काम में मदद करेगा, न कि उनकी जगह लेगा.

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भारत और AI का फ्यूचर : सैम ऑल्टमैन जब कुछ दिनों पहले भारत में आये थे, तब भी उन्होंने AI और जॉब डिस्प्लेसमेंट की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि AI के आने से कुछ नौकरियां गायब हो जाएंगी. लेकिन इसके साथ ही नये मौके खुलेंगे. उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि भारत AI तकनीक को लेकर उत्साहित है और आनेवाले समय में OpenAI भारत में AI स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा.

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