Varanasi News: वृद्धावस्था में जब अपना परिवार ही साथ ना दे तो दिल पर लगा गहरा आघात जीवन समाप्त करने की सोच पर ला देता है. ऐसी ही एक घटना आशापुर रेलवे क्रॉसिंग के पास घटी, जहां 75 वर्षीय एक वृद्धा अपनी जान देने की नीयत के साथ रेल की पटरियों पर लेट गयी. मगर चमत्कार देखिए कि ट्रेन उस वृद्धा के ऊपर से गुजर गई और उसे एक भी खरोंच तक नही आई. अपनी जान बच जाने के अफसोस में वृद्धा फफक कर रो पड़ी ये कहते हुए कि आये दिन बेटा- बहु प्रताड़ित करते रहते हैं, इसलिए वो अब जीना नही चाहती हैं.
वृद्धा की बातें सुनकर वहाँ खड़े लोग भी भावुक हो गए. आननफानन में लोगो ने उसे रेलवे पटरी से उठाया और आशापुर पुलिस चौकी लेकर आए. जानकारी के मुताबिक टांडा खुर्द चौबेपुर 75 वर्षीय इंद्रावती देवी के पति की मृत्यु 30 वर्ष पहले हो चुकी थी. दो बेटे औऱ एक बेटी की माँ इंद्रावती देवी अपने बड़े बेटे औऱ बहु के साथ रहती हैं. उनके मुताबिक आये दिन बेटा -बहु प्रताड़ित करते रहते हैं. इंद्रावती देवी ने बताया कि रविवार सुबह जब मैं पूजा करने जा रही थी तो बहू के कुछ कहने पर बेटे ने मेरा गला दबा दिया और नीचे धकेल दिया. रोज-रोज की प्रताड़ना से तंग आकर आज यह कह कर घर से निकल गई.
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ऑटो लेकर आशापुर आ गई और आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक पर लेट गई. इंद्रावती देवी के ऊपर से ट्रेन निकल गई लेकिन उन्हें एक खरोंच तक नहीं लगी. इंद्रावती को जिंदा देख मौक पर मौजूद लोग हैरान रह गए और भगवान को शुक्रिया कहा. वहाँ मौजूद धर्मेंद्र और संदीप समेत अन्य लोगों ने वृद्धा को सहारा देकर उठाया और पुलिस चौकी पर लेकर आए. चौकी प्रभारी अखिलेश वर्मा ने घटना की सूचना इंद्रावती के परिजनों को दी. इंद्रावती देवी का बड़ा बेटा पप्पू ओला कंपनी में कार चालक है, वहीं छोटा बेटा डिम्पू मुंबई में परिवार लेकर ऑटो चलाने का काम करता है. आशापुर चौकी प्रभारी अखिलेश वर्मा ने बताया कि वृद्धा के परिजनों को बुलाया गया और समझा कर उनको घर भेजा गया.