हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला कोच निलंबित
Sandeep Singh: हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन का आदेश खेल विभाग के निदेशक यशेंन्द्र सिंह ने जारी किया है.
Woman Coach Suspended Who Accused Sandeep Singh: हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली एक जूनियर एथलेटिक्स कोच को आचरण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में सेवा से निलंबित कर दिया गया है. हरियाणा के खेल विभाग के निदेशक यशेन्द्र सिंह ने 11 अगस्त को निलंबन के आदेश जारी किए. हालांकि इसमें निलंबन के कारणों का उल्लेख नहीं है. आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महिला कोच को कथित अनुशासनहीनता तथा सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है.
संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला कोच निलंबित
आदेश के अनुसार, ‘जूनियर एथलेटिक्स कोच की सेवाओं को बिना किसी पूर्वाग्रह के तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.’ आदेश में कहा गया, ‘निलंबन की अवधि में वह हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) नियम 2016 के अंतर्गत नियम 83 के तहत निर्वाह भत्ता पाने की हकदार हैं.’ इस बीच महिला कोच ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ माह से उन पर दबाव बनाया जा रहा है. साथ ही महिला कोच ने कहा कि अगर उनकी सेवाएं बर्खास्त भी की गईं तो भी वह लड़ाई जारी रखेंगी.
महिला कोच ने कहा कि वह ‘‘अनुचित निलंबन’’ के खिलाफ अदालत में जाने पर विचार कर रही हैं. कौन दबाव डाल रहा है, यह पूछे जाने पर महिला कोच ने कहा, ‘मीडिया को सब कुछ पता है. उन्होंने मुझे निलंबित किया है लेकिन इसके लिए कोई कारण नहीं दिया है. मुझ पर कई माह से दबाव बनाया जा रहा है और यह मेरे ऊपर दबाव बनाने का सरकार का एक और तरीका है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि मुझे निलंबित क्यों किया गया है. मैं इस मामले में पीछे नहीं हट रही हूं…उन्हें मेरी सेवा समाप्त करने दीजिए, लेकिन मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगी. मैं अदालत से न्याय मांगूंगी.’
मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगी : महिला कोच
महिला कोच ने कहा कि वह ‘बेहद अनुशासन और नियम के साथ अपना काम करती आ रही हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं किसी की गुलाम नहीं हूं. मैं एक भी कदम पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हूं. उन्हें मेरी सेवा बर्खास्त करने दीजिए, लेकिन मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगी.’ महिला कोच ने कहा, ‘अगर किसी को निलंबित किया जाता है तो नियम के अनुसार उसे पहले चेतावनी दी जाती है.’ महिला कोच ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने सीधे निलंबन का आदेश थमा दिया. शुक्रवार को मुझे इंतजार कराया गया और रजिस्टर में मुझे हाजिरी नहीं लगाने दी गई. खेल विभाग के किसी भी अधिकारी ने मुझे नहीं बताया कि मुझे निलंबित कर दिया गया है. सोमवार शाम को उन्होंने मुझे आवास पर निलंबन आदेश थमाया.’
उन्होंने कहा, ‘मैं खिलाड़ी हूं. चार माह से ट्रैक (एथलेटिक्स) में मेरा प्रवेश प्रतिबंधित है और एक खिलाड़ी के लिए इससे पीड़ादायक और क्या हो सकता है. खेल विभाग ने और सरकार ने मुझसे मेरे मूलभूत अधिकार छीन लिए हैं. लेकिन मैं यह लड़ाई अकेले लड़ने में सक्षम हूं. अंत में सत्य की जीत होती है.’
मामला दर्ज होने के बाद संदीप सिंह ने छोड़ दिया था खेल विभाग
संदीप सिंह वर्तमान में ‘प्रिंटिंग और स्टेशनरी’ राज्य मंत्री हैं. वह पहली बार विधायक बने हैं और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं. पिछले वर्ष महिला कोच की शिकायत पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 बी (उसे निर्वस्त होने के लिए मजबूर करना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने बाद में मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था. सिंह ने मामला दर्ज होने के बाद खेल विभाग छोड़ दिया था और तब कहा था कि उन्होंने नैतिकता के आधार पर यह कदम उठाया है. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. खेल विभाग इस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास है.
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