एक ओर झारखंड सरकार ने शराब से होने वाली मौतों पर मुआवजे का कानून विधानसभा में पारित किया है, तो दूसरी तरफ महिलाओं ने शराबबंदी का अभियान शुरू कर दिया है. महिलाओं ने शराब बेचने वाले और उसका सेवन करने वाले दोनों को चेतावनी दी है. महिलाओं ने साफ कह दिया है कि अगर किसी ने शराब बेची, तो उसे सजा मिलेगी. अगर किसी ने मदिरा का सेवन किया, तो उसे भी सजा मिलेगी. गढ़वा जिला के मेराल प्रखंड में अभी इस अभियान की शुरुआत हुई है.
नशामुक्त समाज बनाने के लिए आगे आयीं एसएचजी की महिलाएं
गढ़वा जिला के मेराल प्रखंड के ओखरगाड़ा पूर्वी पंचायत के चटनिया देवी धाम के पास नशा मुक्त समाज बनाने का बीड़ा महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ने उठाया है. समूह की महिलाओं ने एक बैठक की और तय किया कि मेराल प्रखंड के 10 गांवों में नशा मुक्ति अभियान चलाया जायेगा.
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समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है शराब: मंजू टोप्पो
बैठक को संबोधित करते हुए मंजू टोप्पो ने कहा कि शराब समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है़ लोग शराब का सेवन करके अपने और अपने परिवार की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं. ममता देवी ने कहा कि यदि आज के बाद गांव में कोई शराब बेचते या पीते पाया गया या ताश खेलते पाया गया, तो उसे सजा दी जायेगी.
10 गांवों में चलेगा नशामुक्ति का अभियान
बैठक में चटनियां, गटियरवा, संखड़िया, परसही, पचफेड़ी व ओखरगाड़ा गांवों में नशा मुक्ति अभियान चलाने का निर्णय लिया गया़ आजीविका सखी मंडल की उषा देवी ने कहा कि नशापान से स्वास्थ्य व धन दोनों की हानि होती है़ अभियान को सफल बनाने के लिए छापामारी अभियान चलाया जायेगा.
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ग्रामस्तरीय समिति का किया गया गठन
अभियान को सफल बनाने के लिए एक ग्रामस्तरीय समिति भी बनायी गयी़ कार्यक्रम का संचालन राजपति देवी ने किया. मौके पर अध्यक्ष मानपति देवी, पार्वती देवी, अनारकली देवी, शोभा देवी, चंद्रावती देवी, प्रभा देवी, देवंती देवी व कलावती देवी सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थीं.