Loading election data...

5 हजार रुपये के लिए किया 9 साल तक काम, मानव तस्कर के चंगुल से छूटी भंडरिया की नाबालिग, जानें पूरा मामला

Jharkhand News, Garhwa News, गढ़वा : 8 साल की उम्र में मानव तस्करी का शिकार हुई एक नाबालिग करीब 9 साल बाद अपने घर लौट आयी है़ 9 साल तक बाल मजदूर के रूप में काम करने के एवज में उसे मात्र 5 हजार रुपये मिले हैं. पीड़िता गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया प्रखंड के कंजिया गांव की रहनेवाली है. पीड़िता को रांची के मिशन स्कूल में एडमिशन दिलाने का लालच देकर प्रदीप कच्छप ने उत्तराखंड के हरिद्वार में बेच दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2021 5:11 PM

Jharkhand News, Garhwa News, गढ़वा : 8 साल की उम्र में मानव तस्करी का शिकार हुई एक नाबालिग करीब 9 साल बाद अपने घर लौट आयी है़ 9 साल तक बाल मजदूर के रूप में काम करने के एवज में उसे मात्र 5 हजार रुपये मिले हैं. पीड़िता गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया प्रखंड के कंजिया गांव की रहनेवाली है. पीड़िता को रांची के मिशन स्कूल में एडमिशन दिलाने का लालच देकर प्रदीप कच्छप ने उत्तराखंड के हरिद्वार में बेच दिया था.

क्या है मामला

भंडरिया प्रखंड के कंजिया गांव की रहनेवाली एक पीड़िता को 9 साल पहले मानव तस्कर ने रांची के मिशन स्कूल में एडमिशन दिलाने का लालच दिया. पीड़िता पढ़ना चाहती थी, इस कारण मानव तस्कर प्रदीप कच्छप के चंगुल में आसानी से फंस गयी. प्रदीप ने पीड़िता को घर से ले जाने के बाद उसे उत्तराखंड के हरिद्वार ले गया. यहां पीड़िता को घरेलू नौकरानी के तौर पर बेच दिया गया. पीड़िता यहां 9 साल तक एक ही व्यक्ति के यहां झाड़ु-पोंछा का काम करती रही. इस बीच भंडरिया की पीड़िता को मानव तस्करों के चंगुल में फंसे होने की जानकारी मिलने पर CWC के सदस्यों ने अपने स्तर से कार्रवाई शुरू की. CWC चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे की पहल के बाद उसे वहां से छुड़ाकर लाया गया और सीडब्ल्यूसी, गढ़वा में पेश किया गया.

जमीन बंधक रखकर मानव तस्कर को दिये थे 1300 रुपये

इधर, पीड़िता की मां ने बताया कि तीसरी कक्षा में पढ़ने के दौरान ही मानव तस्कर उसे अपने साथ ले गया था. मानव तस्कर प्रदीप कच्छप उसे रांची ले जाने के बाद हरिद्वार में एक व्यक्ति के घर बेच दिया था. वहां उसे बंधुआ मजदूर की तरह रखा जाता था. उसे घर से बाहर जाने की भी इजाजत नहीं थी. उसकी बेटी पढ़ने जा रही है, यह जानकर उसने अपना करीब एक बीघा जमीन बंधक रखकर 1300 रुपये तस्कर को दिये भी थे. उस जमीन को वह आज तक नहीं छुड़ा पायी है.

Also Read: सीएम हेमंत के कारकेड पर हमला मामले में रांची के 2 थाना प्रभारी पर कार्रवाई, DGP ने किया सस्पेंड
झारखंड की 3 लड़कियों को दूसरों के हाथों बेचा था मानव तस्कर

इस संबंध में पीड़िता ने बताया कि जिस घर में उसे बेचा गया था, वहां कुल 6 सदस्य थे. उसमें दो छोटे-छोटे बच्चे भी थे. उसे आगे कुछ भी पढ़ने के लिए नहीं मिला है. उसने बताया कि उसको बेचे जाने की बात का पता तब चला, जब खरीदार ने उससे कहा कि जब तक उसके पैसे चुकते नहीं होंगे, वह यहां से नहीं जा सकती है. उसने बताया कि इन 9 साल के दौरान प्रदीप कच्छप 4-5 बार उसके घर आये और उसके मालिक से पैसे लेकर गया. उसने बताया कि उसके साथ झारखंड की 2 और लड़कियां भी उसके साथ ले जायी गयी थी. वापसी के समय वे दोनों भी उसके साथ लौटी है. इधर, रांची आने के दौरान उस व्यक्ति भेजने के लिए हरिद्वार से दिल्ली और फिर दिल्ली से रांची तक का रेलवे का टिकट कटा दिया था तथा रास्ते खर्च के लिए 5 हजार रुपये दिये थे, जो पीड़िता की अब तक कमाई बताया गया.

पूरी छानबीन कर कार्रवाई की जायेगी : चेयरमैन

CWC चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे ने बताया कि इस मामले की पूरी तहकीकात की जा रही है़ मानव तस्कर प्रदीप कच्छप जेल भी जा चुका है़, लेकिन बंधक बनाकर काम करनेवाले हरिद्वार के उक्त व्यक्ति का ट्रेस लिया जा रहा है. उस पर भी कार्रवाई की जायेगी.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version