World Alzheimer’s Day: आपके भूलने की आदत कहीं अल्जाइमर का संकेत तो नहीं ! जानें क्या है रोग के लक्षण

अब अल्जाइमर का शिकार युवा भी हो रहे है. विशेषज्ञों का मानना है कि उल्टी गिनती गिनने में दिक्कत होने लगे तो अल्जाइमर की दस्तक को मान लेना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2023 9:29 AM
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World Alzheimer’s Day: एक समय 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद इंसान अल्जाइमर रोग से ग्रसित होता था. लेकिन अब यह उम्र का पैमाना कम हो गया है. अब अल्जाइमर का शिकार युवा भी हो रहे है. विशेषज्ञों का मानना है कि उल्टी गिनती गिनने में दिक्कत होने लगे तो अल्जाइमर की दस्तक को मान लेना चाहिए. इसका पहला अटैक मस्तिष्क की मेमोरी सेल्स के क्षय के साथ सबसे पहला प्रभाव गणना पर पड़ता है. इसलिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में रिपोर्ट हो रहे अल्जाइमर के आधे मरीजों को उल्टी गिनती पढ़ने और गिनने में सर्वाधिक संकट सामने आया है.

जीएसवीएम (GSVM)के मनोचिकित्सा विभाग और उर्सला के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्जाइमर और डिमेंशिया मरीजों की याददाश्त को दुरुस्त करने को उल्टी गिनतियों का सहारा लिया जा रहा है. काउंसिलिंग में डॉक्टर व काउंसलर अल्जाइमर और डिमेंशिया मरीजों को पहले रिवर्स तरीके से 100 से 1 और 50 से 1 फिर सीधे तरीके से गिनतियों की प्रैक्टिस कराते हैं. सौ की गिनती की रिवर्स संख्या जब एक पर आ जाती है तो वहीं से फारवर्ड गिनती की प्रैक्टिस कराने लगते हैं. उसमें भी रिवर्स जैसा क्रम अपनाया जाता है. इस अभ्यास से इन मरीजों में याददाश्त लौटने के साथ भूलने की समस्या में कमी दर्ज की गई है.

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नशे ने 40-45 की उम्र में दी अल्जाइमर की चोट

कोरोना काल के बाद से हालात बदलते जा रहे हैं. अल्जाइमर और डिमेंशिया की बीमारी अब 40 की उम्र में हो रही है. नए ट्रेंड ने डॉक्टरों तक को चौंका दिया है क्योंकि अब नशे के आदी युवाओं को अल्जाइमर ने चोट देनी शुरू कर दी है. एक साल में पहली बार नशे के आदी 57 युवाओं में अल्जाइमर का दंश देखने को मिला है.

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य केंद्र उर्सला के चीफ काउंसलर डॉ. संदीप कुमार सिंह बताते हैं कि पहाड़ा की एक्सरसाइज से अल्जाइमर और डिमेंशिया मरीजों को लगातार फायदा हो रहा है. उनकी 6 हफ्ते एक-दो दिन हर सीटिंग में 20-25 मिनट काउंसिलिंग करनी पड़ती है. दूसरे हफ्ते के बाद सुधार तेजी से दिखने लगता है पर इस क्रम को ब्रेक नहीं करना चाहिए.

इन चार में दो लक्षण हैं तो आप हो सकते शिकार

● मेमोरी लॉस यानी एक-दो दिन की घटनाएं भूल जाना.

● किसी की बात समझ नहीं पाना, बात करने में परेशानी, विषय भूल जाना.

● खुद का डे-प्लान भूल जाना, मानसिक बीमारी के संकेत देना.

● यह न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं.

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