World Animal Day: रांची के बिरसा जैविक उद्यान के दो एशियाई शेरों को PVUN ने लिया गोद, पढ़ें पूरी खबर

रांची के भगवान बिरसा मुंडा जैविक पार्क के दो एशियाई शेरों को पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने गोद लिया है. इसको लेकर झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण और PVUN के बीच MoU हुआ. गोद लेने की नीति के अनुसार, PVUN हर साल इन दो शेर के खाने का खर्च वहन करेगा.

By Samir Ranjan | October 3, 2022 4:18 PM
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World Animal Day: दुनिया भर में जानवरों के कल्याण मानकों में सुधार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल चार अक्टूबर को विश्व पशु दिवस (World Animal Day) मनाया जाता है. इसी के तहत वन्यजीवों के संरक्षण के लिए पतरातू विद्युत उत्पादन निगम (Patratu Vidyut Utpadan Nigam- PVUN) लिमिटेड ने एक वर्ष के लिए भगवान बिरसा जैविक पार्क में दो एशियाई शेरों को अपनाने को लेकर झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण (Jharkhand Zoo Authority) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं.

PVUN ने दो एशियाई शेर को लिया गोद

बता दें कि रांची के इस चिड़ियाघर में करीब 1450 जंगली जानवर है. इसमें स्तनधारी, सरीसृप और पक्षियों की 83 विभिन्न प्रजातियां भी उपलब्ध है. झारखंड के प्रमुख पर्यटकों में शुमार इस चिड़ियाघर की रौनक और बढ़ गयी है. सोमवार को दो एशियाई शेरों को गोद लेने के उद्देश्य से झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण और PVUN के बीच समझौता हुआ है.

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एक नर और मादा शेर जोड़े के खाने का खर्च वहन करेगा PVUN

इसके तहत झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव और PVUN के डीजीएम (आर एंड आर) राजेश डुंगडुंग के बीच एक नर और एक मादा शेर जोड़े को गोद लेने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. गोद लेने की नीति के अनुसार, PVUN हर साल इन दो शेर के खाने का खर्च वहन करेगा. इस संबंध में एचओएचआर नीरज कुमार राॅय ने कहा कि झारखंड में वन्यजीव संरक्षण के लिए PVUN लिमिटेड द्वारा यह अनूठी पहल की गई है.

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चार अक्टूबर को विश्व पशु दिवस

पर्यावरण को संतुलित करने में वन्य जीव अहम भूमिका निभाते हैं. वन्यजीव संरक्षण का उद्देश्य प्रजातियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करके उनकी रक्षा करना और लोगों को इस बारे में शिक्षित करना है कि वे अन्य प्रजातियों के साथ स्थायी रूप से कैसे रह सकते हैं. इसी के तहत हर साल चार अक्टूबर को विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है.

रिपोर्ट : अजय तिवारी, पतरातू, रामगढ़.

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