World Blood Donor Day 2021, धनबाद न्यूज (सत्या राज) : आज विश्व रक्तदाता दिवस है. रक्तदान को लेकर अब लोग जागरूक हो रहे हैं. पुरूषों के साथ अब महिलाएं भी रक्तदान को लेकर सक्रिय रहती हैं. कोयलांचल में कई ऐसी संस्थाएं हैं जो रक्तदान को लेकर सक्रिय हैं. ये संस्था निःशुल्क सेवा देकर जीवन बचा रही हैं. समय समय पर रक्तदान कैंप लगाकर रक्त की कमी पूरा कर रही हैं. कोरोना संक्रमण के बाद भी स्वयंसेवकों में रक्तदान को लेकर कभी भय नहीं दिखा. थैलेसेमिया पीड़ित बच्चों के साथ ही डिलीवरी केस, एक्सीडेंटल केस में समय पर रक्तदान कर कई जान बचायी जा चुकी है.
केयरिंग इंडिया ब्लड ग्रुप के प्रभारी श्रीकांत अग्रवाल कहते हैं कि हमारी संस्था निःस्वार्थ लगातार सेवा दे रही है. तीन साल पहले संस्था बनी. आठ सौ सदस्य हैं. हम प्रतिदिन लगभग दस जरूरतें पूरी करते हैं. अब तक 16 ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जा चुका है. टीम के सदस्य रक्तदान को लेकर सक्रिय हैं.
रक्तदान महादान समूह द्वारा जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराने की हर संभव कोशिश की जाती है. थैलेसेमिया पीड़ित बच्चों के साथ डायलिसिस के मरीज को निस्वार्थ सेवा दी जा रही है. समूह की संस्थापक सदस्य शालिनी खन्ना बताती हैं कि समूह से सात सौ सदस्य जुड़े हैं. मुश्किल हालात में भी समूह के सदस्य रक्तदान के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं. समूह द्वारा महिला डोनर के लिए स्पेशल कैंप लगाया जाता है. महिलाएं उत्साहित होकर रक्तदान कर रही हैं.
ह्यूमैनिटी हेल्पिंग हैंड्स चार साल से जरूरतमंदों के लिए रक्तदान कर रहा है. संस्था के गौतम मंडल बताते हैं कि कोई भी अपनों से ब्लड के अभाव में न बिछड़े, इसलिए संस्था बनायी गयी. संस्था के 150 सदस्य हैं. संक्रमण काल में भी सदस्य डरे नहीं, सेवा देते रहे.
बंगाली वेलफेयर सोसायटी 2010 से ब्लड डोनेशन के लिए सक्रिय है. सोसायटी के सदस्य गोपाल भट्टाचार्या बताते हैं कि अब तक लगभग सौ से ज्यादा कैंप लग चुके हैं. साल में दस कैंप लगाया जाता है. सोसायटी का एक ही उद्देश्य है कि रक्त की कमी से हर हाल में मानव जीवन को बचाना है. चार सौ सदस्य सोसायटी से जुड़े हैं. रक्तदान को लेकर जागरूकता आयी है लेकिन अभी और जागरूकता की जरूरत है.
आयुष फाउंडेशन रक्तदान को लेकर हमेशा सक्रिय रहता है. समूह में महिला सदस्यों की संख्या अधिक है. फाउंडेशन की अर्पिता अग्रवाल बताता हैं रक्तदान सभी को करना चाहिए. कैंप लगाने के साथ जरूरतमंदों के कॉल पर हमारी सदस्य रक्तदान के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. रक्तदान कर किसी का जीवन बचाने की खुशी है बढ़कर और कोई खुशी नहीं है.
राइजिंग चैरेटेबल ट्रस्ट आठ साल से रक्तदान के लिए सक्रिय है. संस्था के राजन सिंह ने बताया पिछले दस सालों में कोयलांचल में रक्तदान को लेकर लोग जागरूक हुए हैं, की संस्था कार्य कर रही है. जिससे रक्त की कमी पूरी हो रही है. हमारी संस्था के तीन सौ सदस्य हैं. सभी सहयोग करते हैं. किसी भी समय जरूरत पड़ने पर कॉल आने पर बेहिचक सेवा देने के लिए तैयार रहते हैं.
कॉडियोलॉजिस्ट गोपाल चटर्जी कहते हैं रक्तदान करने से शरीर फिट रहता है. स्वस्थ इंसान को हर तीन माह पर रक्तदान करना चाहिए. इससे किसी तरह की कमजोरी या परेशानी नहीं होती है. रक्तदान के प्रति लोग अवेयर हो रहे हैं. संस्था की मदद से कैंप लगाकर कमी पूरी की जा रही हैं.
रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं हरदम
बंगाली वेलफेयर सोसायटी के गोपाल भट्टाचार्या कहते हैं कि अठारह साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था. अब तक 74 बार रक्तदान कर चुका हूं. जब तक फिट रहूंगा जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करता रहूंगा. रक्तदान सभी करें. मेरा लोगों से यही आग्रह है.
व्यवसायी रवि प्रीत सलूजा कहते हैं कि मैं 1991 से रक्तदान कर रहा हूं. कभी कोई परेशानी नहीं आयी. अब तक 76 बार हो चुका है. मुझे जरूरतमंदों की सेवा कर आत्मीय खु़शी मिलती है. फिटनेस भी रहता है.
व्यवसायी असीम अग्रवाल कहते हैं कि मुझे रक्तदान करते लंबा समय हो गया. अब तक 80 बार रक्तदान कर चुका हूं. आगे भी करता रहूंगा. मैं कितना भी व्यस्त रहूं रक्त की जरूरत होने पर मैं रक्त देने चला जाता हूं.
व्यवसायी अश्विन भाटिया कहते हैं कि मेरा मानना है सबसे बड़ा दान रक्तदान है. मैं अब तक 64बार रक्त दान कर चुका हूँ. तीन माह पूरा होते ही कभी कैंप में तो क़भी ब्लड बैंक जाकर ब्लड डोनेट कर देता हूं.
Posted By : Guru Swarup Mishra