World Braille Day 2024 पर जानें ब्रेल लिपि क्या होती है, क्या है आज के दिन में खास और इस साल की थीम

World Braille Day 2024: हर 4 जनवरी को मनाया जाने वाला विश्व ब्रेल दिवस, लुईस ब्रेल को याद करने का एक विशेष दिन है, जिन्होंने नेत्रहीन लोगों के पढ़ने के लिए ब्रेल लिपि का निर्माण किया. यह इस बात की सराहना करने का समय है कि कैसे ब्रेल ने दुनिया भर के लाखों नेत्रहीन लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है.

By Shaurya Punj | January 4, 2024 6:38 AM

World Braille Day 2024: पूरी दुनिया में हर 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है. यह दिन ब्रेल का आविष्कार करने वाले फ्रांसीसी शिक्षक लुई ब्रेल (Louis Braille) की जयंती के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि कोरोना महामारी और उसके परिणामस्वरूप होने वाले तालाबंदी जैसे प्रभावों ने नेत्र विकारों वाले व्यक्तियों की चुनौतियों को बदतर बना दिया है, जिससे वे बहुत ज्यादा अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.

World Braille Day 2024: थीम

विश्व ब्रेल दिवस 2024 का विषय, “समावेश और विविधता के माध्यम से सशक्तीकरण” एक ऐसी दुनिया बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जहां दृष्टिबाधित व्यक्तियों को न केवल मान्यता दी जाती है बल्कि समाज के सभी पहलुओं में पूरी तरह से शामिल किया जाता है. यह दृष्टिबाधित समुदाय के भीतर विविधता को अपनाने की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देता है और एक समावेशी वातावरण की वकालत करता है जो हर किसी को, उनकी क्षमताओं की परवाह किए बिना, आगे बढ़ने और सार्थक योगदान करने में सक्षम बनाता है.

ऐसे हुई थी विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरूआत

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 6 नवंबर 2018 को एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें हर साल 4 जनवरी को ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिवस को उनके सम्मान में विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था.

ब्रेल लिपि क्या है?

ब्रेल एक लेखन पद्धति है. यह नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी. ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है. इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है. इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक और आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी. इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम ब्रेल लिपि रखा गया है.

ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं. इन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है. कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं. इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है. ब्रेल की मैपिंग प्रत्येक भाषा में अलग हो सकती है. इस‍ लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ छपते हैं. ब्रेल लिपि में कई पुस्तकें भी निकलती हैं.

ब्रेल लिपि से फायदे

ब्रेल लिपि के आविष्कार के बाद विश्वभर में नेत्रहीन, दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की जिंदगी बहुत हद तक आसान हो गई. इसकी सहायता से ऐसे कई लोग अपने पैरों पर खड़े हो सके.

संशोधित हो चुका है ब्रेल लिपि

लुइस ब्रेल के द्वारा बनाए गए ब्रेल लिपि में कई बार संशोधन किया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि 1949 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और संगठन:यूनेस्को (UNESCO) के द्वारा एक सर्वेक्षण कराया गया जिससे यह जाना जा सके कि ब्रेल लिपि में क्या कठिनाइयां है एवं ब्रेल लिपि में एकरूपता को किस प्रकार स्थापित किया जा सकता है? इसके साथ ही वर्तमान में ब्रेल लिपि को सुविधाजनक बनाने हेतु इसको प्रौद्योगिकी का भी सहारा लिया जा रहा है.

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