World Diabetes Day: धनबाद में 20 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को है मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली की है देन

World Diabetes Day: हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करना है. अच्छी सेहत के लिए डायबिटिज रोग से दूरी आवश्यक है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2022 8:02 AM

World Diabetes Day: देश में 537 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित है. झारखंड रिसर्च सोसाइटी के अनुसार झारखंड के शहरी इलाकों में 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग बी टाइप डायबिटीज से पीड़ित है. डायबिटीज को आधुनिक जीवनशैली की देन कहा जा सकता है. हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करना है. अच्छी सेहत के लिए डायबिटिज रोग से दूरी आवश्यक है. यह एक ऐसा रोग है, जो अपने साथ कई और बीमारियों को लेकर आता है. ऐसे में जीवन शैली में कुछ बदलाव के लाकर हम डायबिटिज रोग को काफी हद तक दूर रह सकते है.

मधुमेह के दुष्प्रभाव

डायबिटीज अनियंत्रित रहने पर रक्त शुगर अधिक बढ़ जाता है. इसका गंभीर असर रक्त धमनियों, आंखों और किडनी के अलावा शरीर के जोड़ों और हड्डियों पर पड़ता है. मधुमेह को अनियंत्रित छोड़ देने से पैरों में अल्सर और संक्रमण के अलावा डायबिटिक फुट की समस्या हो सकती है. इसमें पैरों को काटने तक की नौबत आ सकती है. इसके अलावा ओस्टियोपोरोसिस और ऑर्थराइटिस की दिक्कत भी बढ़ सकती है. यह देखा गया है कि जिन लोगों को यह बीमारी नहीं है, उनकी तुलना में मधुमेह रोगियों में यह समस्याएं बहुत अधिक होती हैं. मधुमेह के मरीजों में फ्रेक्चर देर से ठीक होता है.

Also Read: हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में झारखंड सरकार फिर जायेगी सुप्रीम कोर्ट, सोनी कुमारी मामले पर सुनवाई आज
मधुमेह के लक्षण

  • प्यास अधिक लगना

  • लगातार पेशाब आना

  • अत्यधिक भूख लगना

  • बिना वजह शरीर का वजन घटना

  • पेशाब में किटोन की उपस्थिति

  • लगातार थकान का होना

  • चिड़चिड़ापन का होना

  • अचानक वजन बढ़ना

  • धुंधला दिखायी देना

  • घाव धीरे-धीरे भरना

  • लगातार त्वचा में संक्रमण रहना

बचाव के ये हैं उपाय

  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें खाने व मीठे खाद्य पदार्थ से परहेज

  • नियमित एक्सरसाइज करें.

  • शरीर को अधिक से अधिक एक्टिव रखें.

  • अधिक मात्रा में पानी पीना.

  • मीठा व सोडा युक्त पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें.

  • धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन न करें.

  • विटामिन डी की शरीर में कमी न होने दें.

मधुमेह के कारण

  • इंसुलिन की कमी

  • परिवार में किसी व्यक्ति को मधुमेह होना

  • उम्र बढ़ना ,कोलेस्ट्रॉल बढ़ना

  • व्यायाम की कमी

  • हार्मोन की समस्या, उच्च रक्तचाप

  • खराब भोजन

40 की उम्र वाले जरूर कराएं जांच : डॉ सतीश

फिजिशियन डॉ सतीश चंद्रा ने बताया कि 40 की उम्र वालों को डायबिटीज की जांच जरूर करानी चाहिए. खासकर उन लोगों के लिए जांच करानी जरूरी है, जिनको जल्दी थकान महसूस होती है. शुरुआत में शुगर बढ़ने की जानकारी मिल जाए तो लोग खान-पान में सुधार कर इससे बच सकते हैं. इसके साथ जीवनशैली में बदलाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है.

सतर्कता से बीमारी को कर सकते हैं नियंत्रित

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ गोपाल चटर्जी ने कहा है कि मौजूदा परिवेश में भारत में 90 प्रतिशत मधुमेह टाइप टू वैरायटी का होता है. मधुमेह कैसे होता है, यह जानने से पहले शरीर के अंदर ग्लूकोज का संतुलन कैसे नियंत्रित होता है, यह जानना जरूरी है. टाइप टू डायबिटिज में अक्सर देखा जाता है, मरीजों में इंसुलिन रेजिस्टेंस रहता है. जिससे इंसुलिन की कार्य क्षमता कम हो जाती है. इंसुलिन ग्लूकोज के सेल के अंदर नहीं ले जा पाने से खून में ग्लूकोज बढ़ने लगता है. टाइप टू मधुमेह मरीज में शुरूआत में ये इंसुलिन रेजिस्टेंस को ओवर कम करने के लिए बीटासेल से ज्यादा से ज्यादा इंसुलिन निकाल के आता है. एक समय के बाद अधिक काम करने की वजह से बीटासेल थकने लगता है और बीटासेल की संख्या कम होने लगती है, तब खाने के बाद इंसुलिन सीक्रेशन की मात्रा कम हो जाती है. संतुलित आहार, हेल्दी लाइफ स्टाइल, जरूरत पड़ने पर मेडिसिन से मधुमेह को नियंत्रित रखा जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version