दुमका जिले में दिव्यांगता पेंशन पाने वालों की संख्या 14,833 है. इनमें से 13,860 को स्वामी विवेकानंद नि:शक्त स्वावलंबी पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है, जबकि 973 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है. इन दिव्यांगों को प्रतिमाह अभी 1,000 रुपये की पेंशन राशि प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रदान की जाती है. पेंशन के लिए कोई भी दिव्यांग दिव्यांगता प्रमाण पत्र अपने प्रखंड के कार्यालय में जमा कर सकते हैं. पेंशन स्वीकृति के बाद प्रतिमाह यह राशि सामाजिक सुरक्षा कोषांग से दिव्यांगजन के खाते में भेज दिया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण भी सरकारी स्तर से नि:शुल्क उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है. पिछले तीन साल में जरूरतमंद दिव्यांगजनों को 206 ट्राइसाइकिल, 37 व्हीलचेयर, 59 को वैसाखी, 146 को श्रवण यंत्र, 23 को ब्लाइंड स्टिक तथा 30 को वाकिंग स्टिक उपलब्ध कराया गया है. वहीं स्कूली बच्चों को सहायक उपकरण समग्र शिक्षा परियोजना द्वारा एलिम्को भुवनेश्वर की सहायता से प्रदान किया जाता है. जिले में 1,913 बच्चे स्कूल में नामांकित हैं. ऐसे बच्चों के स्कर्ट (स्कूल लाने-ले जाने) के लिए साल में 5000 रुपये की राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है. हालांकि बजटीय प्रावधान की वजह से 300 बच्चे ही इससे लाभान्वित हो पा रहे हैं. जिले में दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए हर महीने में दो बार विशेष कैम्प लगाया जाता है. कई स्थानों पर प्रचार-प्रसार करके भी डॉक्टरों की टीम बोर्ड के तौर पर बैठती है और दिव्यांगता की जांच करने के उपरांत प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुशंसा करती है.
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