World Disability Day 2020 : झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र ने देशभर में बढ़ाया मान, फिर भी हैं उपेक्षित, बोले- दिव्यांगता पेंशन से ही चल रही जिंदगी
World Disability Day 2020 : चितरपुर (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार) : झारखंड के रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के बड़कीलारी निवासी दिव्यांग जितेंद्र पटेल (30 वर्ष) बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. नि:शक्तता कभी इनके जीवन में बाधा नहीं बनी, लेकिन आज भी वे सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. जितेंद्र पटेल झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. इसके साथ ही वे नृत्य, तैराकी व रग्बी खेल में भी माहिर हैं. जितेंद्र ने कई बड़े शहरों में अपना हुनर दिखाया है. उन्हें कई मेडल व ट्रॉफी मिले हैं. वे कहते हैं कि घोषणा खूब होती हैं, लेकिन आज भी उनकी जिंदगी एक हजार रुपये की पेंशन राशि से ही चल रही है.
World Disability Day 2020 : चितरपुर (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार) : झारखंड के रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के बड़कीलारी निवासी दिव्यांग जितेंद्र पटेल (30 वर्ष) बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. नि:शक्तता कभी इनके जीवन में बाधा नहीं बनी, लेकिन आज भी वे सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. जितेंद्र पटेल झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. इसके साथ ही वे नृत्य, तैराकी व रग्बी खेल में भी माहिर हैं. जितेंद्र ने कई बड़े शहरों में अपना हुनर दिखाया है. उन्हें कई मेडल व ट्रॉफी मिले हैं. वे कहते हैं कि घोषणा खूब होती हैं, लेकिन आज भी उनकी जिंदगी एक हजार रुपये की पेंशन राशि से ही चल रही है.
जितेंद्र ने बताया कि वर्ष 2013 में वे झारखंड दिव्यांग किक्रेट टीम के कप्तान बने. अपनी कप्तानी में वे 25 टी-20 मैच खेले. जिसमें 15 में विजेता व पांच मैच में उप विजेता बने हैं. उन्होंने वर्ष 2015 में गुवाहाटी में सर्वाधिक 35 गेंद में 75 रन बनाये हैं. उनके पिता विश्वनाथ महतो किसान हैं. खेती बारी कर अपने परिजनों का भरण-पोषण करते हैं. अपने पिता के काम में श्री पटेल भी हाथ बटाते हैं. जितेंद्र के पास किक्रेट के साथ-साथ कई हुनर हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश के मेरठ में 15 जनवरी 2020 को राष्ट्रीय दिव्यांग रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इन्हें बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की बहन सह आयोजन कमेटी की ममता दीक्षित व क्षेत्रीय अभिनेता उत्तम कुमार ने सम्मानित किया है. उन्होंने गुजरात, दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश सहित कई जगहों में भी नृत्य के स्टेज शो में भाग लिया है. जहां इन्हें काफी वाहवाही मिली है.
वे 2020 में रजरप्पा महोत्सव में भी अपने नृत्य से जलवा बिखेर चुके हैं. श्री पटेल ने वर्ष 2018 में डांस इंडिया डांस प्रोग्राम में ऑडिशन दिया था. साथ ही 2017 में नारायण सेवा सदन उदयपुर राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय तैराकी में 13वां स्थान प्राप्त किया था. इस कार्यक्रम से 25 लोगों का चयन किया था, सभी को अगला कार्यक्रम के लिए दक्षिण कोरिया जाना था, लेकिन कार्यक्रम रद्द हो गया था. वर्ष 2015 में दिल्ली क्रिकेट टीम को हराया. 2015 में मैसूर में रग्बी खेल में भाग लिया. जहां उप विजेता बने. 2017 में अजमेर में राजस्थान टीम के खिलाफ विजेता बने थे. 30 दिसंबर 2017 में कोलकाता टीम को पराजित किया.
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जितेंद्र बताते हैं कि वे दिव्यांग होने के बावजूद अपने जीवन से हार नहीं माना और संघर्ष कर ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए भी क्रिकेट, नृत्य व तैराकी सीखा. सरकार घोषणा करती है कि दिव्यांगों को नौकरी दी जायेगी. कई बार वे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला. मेरा जीवन-यापन एक हजार रुपये की पेंशन राशि से ही चल रहा है.
Posted By : Guru Swarup Mishra