विश्व धरोहर सप्ताह आज रविवार से शुरू हो गया. ऐसे में एएसआई ने ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी समेत सभी स्मारकों पर पर्यटकों का प्रवेश निःशुल्क कर दिया है. प्राचीन स्मारकों के प्रति जनता को संवेदनशील बनाने के लिए हर वर्ष 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जाता है. विश्व धरोहर सप्ताह के तहत आगरा में 19 नवंबर रविवार को ताजमहल समेत सभी प्राचीन स्मारकों में सैलानियों का प्रवेश निःशुल्क है. रविवार को इसका शुभारंभ फतेहपुर सीकरी में किया गया. स्मारकों का प्रवेश निःशुल्क होने के चलते ताजमहल व अन्य स्मारकों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है. विश्व धरोहर सप्ताह शुरू होने से एक दिन पहले शनिवार को भी ताजमहल पर देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली. दोपहर बाद स्मारक पर दबाव बढ़ने से टोकन कम पड़ गए. इससे सैलानियों को कतार में खड़े होकर इंतजार भी करना पड़ा. वहीं दूसरी तरफ ताजमहल तक ले जाने वाली गोल्फ कार्ट के लिए भी काफी मारामारी रही. एएसआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शनिवार को देशी विदेशी पर्यटकों सहित कुल 37927 सैलानियों ने ताजमहल का दीदार किया. हालांकि रविवार को यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है. क्योंकि रविवार को अवकाश रहता है और दूसरी तरफ विश्व धरोहर सप्ताह शुरू होने के चलते ताजमहल का प्रवेश सैलानियों के लिए निःशुल्क कर दिया गया है.
विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की सांस्कृतिक धरोहरों और स्मारकों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करना और जागरूकता बढ़ाना है. प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपरा को जानने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि अमूल्य विविध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा की जाये और उन्हें संरक्षित किया जाये. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (12 ज्योतिर्लिंगों में से एक), जिसका निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने सन् 1777 में कराया था, उसके पत्थर की संरचना के मूल रुप को बचाने और संरक्षित करने के लिये लखनऊ की राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला के द्वारा एक महान प्रयास किया गया. ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि शनिवार को 19749 ऑनलाइन और 18178 ऑफलाइन टिकटों की बिक्री हुई. कुल 37927 पर्यटकों ने तक का दीदार किया.