कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर शनिवार (23 जनवरी) को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एलएसी से एलओसी तक दुनिया सशक्त भारत देख रही है. आज यदि नेताजी जीवित होते, तो उन्हें अपने देश पर कितना गर्व होता.
प्रधानमंत्री ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब आजाद हिंद फौज को सहयोग देने वाले देशों ने सरेंडर कर दिया, तब नेताजी ने कहा था कि उन्होंने सरेंडर किया होगा, हमने सरेंडर नहीं किया. हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक लड़ते रहेंगे और आजादी लेकर रहेंगे.
श्री मोदी ने कहा कि नेताजी के उसी सपने को हमें साकार करना है. नेताजी ने कहा था कि हमें एक काम करना है, देश को आजाद कराना है. आज हमें भी एक काम करना है, नेताजी के सपनों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाना है. इस उद्देश्य से देश का जन-जन, हर क्षेत्र और देश का हर व्यक्ति जुड़ा है.
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में बंगाल का भी आह्वान किया कि बंगाल भी आगे आये, अपना गौरव बढ़ाये, देश का गौरव बढ़ाये. नेताजी की तरह हमें भी अपने संकल्पों को पूरा करने तक रुकना नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोइये.
उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो भारत को बांधकर रख सके. वाकई दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं, जो 130 करोड़ देशवासियों को, अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनने से रोक सके. उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे.
उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू कहते थे कि हमें मिलकर अपनी समस्याओं से लड़ना होगा. आज देश पीड़ित, शोषित, वंचित को, अपने किसानों को, देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहा है. आज हर गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है. देश के किसानों को बीज से बाजार तक आधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं. खेती पर उनका होने वाला खर्च कम करने का प्रयास हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर युवा को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए देश के शैक्षणिक संस्थानों को आधुनिक बनाया जा रहा है. बड़ी संख्या में एम्स, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान खोले गये हैं. देश 21वीं सदी के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी लागू कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान भारतीय सेना के पास है, तो तेजस जैसा विमान भारत खुद बना रहा है. नेताजी जैसा चाहते थे, वैसे ही हथियार और वैसी ही ताकत आज भारत के पास है. नेताजी होते, तो उन्हें कैसा लगता, जब वह देखते कि वैक्सीन जैसे आधुनिक समाधान भारत खुद तैयार कर रहा है. इतनी बड़ी महामारी से भारत खुद लड़ रहा है. वैक्सीन से दुनिया के अन्य देशों की भारत मदद कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भगवद्गीता से प्रेरणा मिलती थी. अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह किसी भी सीमा तक प्रयास करते थे. नेताजी ने कहा था कि अगर कोई विचार सरल नहीं है, साधारण नहीं है, इसमें कठिनाइयां भी हैं, तो कुछ नया करने से डरना नहीं चाहिए. अगर आप किसी चीज में भरोसा करते हैं, तो आपको उसे प्रारंभ करने का साहस दिखाना ही चाहिए. एक बार लग सकता है कि आप धारा के विपरीत बह रहे हैं, लेकिन अगर आपका लक्ष्य पवित्र है, तो इसमें भी हिचकना नहीं चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेताजी ने करके दिखाया कि अगर आप अपने दूरगामी लक्ष्यों के लिए समर्पित हैं, तो आपको सफलता मिलकर रहेगी. नेताजी सुभाष आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. जो भूमिका नेताजी ने आजादी की लड़ाई में निभायी थी, वही भूमिका बंगाल को आत्मनिर्भर भारत बनाने में निभाना है. उन्होंने कहा कि बंगाल आगे आये, अपना गौरव बढ़ाये, देश का गौरव बढ़ाये, नेताजी की तरह हमें भी अपने संकल्पों को पूरा करने तक रुकना नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस सत्ता का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था, भारत के वीर सपूतों ने रणभूमि में उससे भी दो-दो हाथ कर लिया. नेताजी ने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया. जिस जगह अंग्रेज देश के स्वतंत्रता सेनानियों को यातनाएं देते थे, कालापानी की सजा देते थे, उस जगह जाकर उन्होंने सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दी थी.
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अखंड भारत की पहली आजाद सरकार के पहले मुखिया थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस. आजादी की उस पहली जगह को सुरक्षित रखने के लिए वर्ष 2018 में हमने अंडमान के उस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा है. देश की भावना को समझते हुए नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी सरकार ने सार्वजनिक की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ भी नहीं था. उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा. उन्होंने आजादी के लिए आजाद हिंद फौज को मजबूत किया. उन्होंने पूरे देश में हर जाति, पंथ, क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया.
पीएम ने कहा कि उस दौर में जब दुनिया महिलाओं के सामाजिक अधिकारों पर चर्चा ही कर रही थी, नेताजी ने रानी झांसी रेजिमेंट बनाकर महिलाओं को अपने साथ लिया. उन्होंने फौज के सैनिकों को आधुनिक युद्ध की ट्रेनिंग दी. देश के लिए जीने और मरने का जज्बा दिया. नेताजी ने कहा था, भारत बुला रहा है. रक्त-रक्त को आवाज दे रहा है. उठो. हमारे पास अब गंवाने के लिए समय नहीं है.
Posted By : Mithilesh Jha