World Leprosy Day 2023: पूर्वी सिंहभूम में छह साल में मिले इतने नये कुष्ठ रोगी, देखें पूरी डिटेल

World Leprosy Day 2023: कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष जनवरी महीने के आखिरी रविवार को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस रोग का सीधा संबंध हमारी जीवनशैली और इम्यून सिस्टम से है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2023 11:29 AM

World Leprosy Day 2023: केंद्र सरकार के द्वारा 2030 तक पूरे देश से कुष्ठ रोग को खत्म करने की योजना है. पूर्वी सिंहभूम जिले में छह साल में 2,212 नये कुष्ठ रोगी (leprosy) मिले हैं. इसको लेकर जिले में जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ कुष्ठ रोगियों की खोज अभियान चलाया जा रहा है. इस संबंध में कुष्ठ विभाग के डॉ राजीव लोचन महतो ने बताया कि वर्ष 2019 – 20 में सबसे अधिक 538 रोगी मिले. वहीं, पिछले छह साल में 1,952 रोगी ठीक हुए हैं. सरकार के द्वारा कुष्ठ रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया व ऑपरेशन किया जाता है.

कुष्ठ छुआछूत नहीं, दवा से हो सकती है ठीक

डॉ कुमार. कुष्ठ (लेप्रसी) एक ऐसी बीमारी है जो हवा के जरिए फैलती है. यह बीमारी बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ती है तथा बैक्टीरिया से फैलती है. इसलिए पूरी तरह इसके लक्षण सामने आने में कई बार चार से पांच साल का समय भी लग जाता है. जिस बैक्टीरिया के कारण यह बीमारी फैलती है, उसे माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रै कहा जाता है.

अगर कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से ग्रसित है तो उससे हाथ मिलाने या छू लेने भर से यह बीमारी नहीं होती है. कुष्ठ उन बीमारियों में से एक है, जिसमें रोगी को सिर्फ रोग से ही नहीं, इसके कारण समाज में फैले सिस्टम से भी मुकाबला करना होता है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ आर कुमार ने बताया कि कहा कि सही समय पर इसका इलाज किया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है.

किस साल कितने मिले

साल – रोगी मिले – ठीक हुए

  • 2017-18 – 281 – 260

  • 2018-19 – 270 – 283

  • 2019-20 – 538 – 418

  • 2020-21 – 283 – 316

  • 2021-22 – 410 – 338

  • 2022-23 – 430 – 337

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