World Pharmacist Day on 25 September: सितंबर की 25 तारीख को दुनिया भर में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जायेगा और इस बार की थीम है-’फार्मासिस्ट स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रहे हैं.’ फार्मासिस्ट बतौर चिकित्सा पेशेवर दवाओं की आपूर्ति करते हैं और मरीजों को उन्हें लेने के बारे में शिक्षित करते हैं. आप अगर फार्मासिस्ट के रूप में करियर बनाकर लोगों को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करना चाहते हैं, तो जानें इस क्षेत्र में कैसे कर सकते हैं प्रवेश…
आप हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी के संयोजन में रुचि रखनेवाले युवाओं में से एक हैं, तो फार्मासिस्ट के रूप में करियर बनाना आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त होगा. फार्मासिस्ट वे हेल्थकेयर पेशेवर होते हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि किसी मेडिसिनल ट्रीटमेंट का मरीज अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें. फार्मासिस्ट की भूमिका केवल दवा खरीदने और बेचने तक ही सीमित नहीं होती. वे क्लीनिकल एवं ड्रग रिसर्च में अहम भूमिका निभाते हैं और कुछ स्थानों पर तो चोटों और बीमारियों का निदान भी करते हैं.
आवश्यक योग्यता
फार्मासिस्ट के तौर पर करियर बनाने के लिए आपको साइंस से बारहवीं पास करने के बाद फार्मेसी कोर्स में प्रवेश हासिल करना होगा. फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी के साथ बारहवीं पास करने के बाद आप चार वर्षीय बैचलर ऑफ फार्मेसी (बीफार्मा) में प्रवेश ले सकते हैं या चाहें तो दो वर्षीय डिप्लोमा इन फार्मेसी यानी डीफार्मा काेर्स भी कर सकते हैं. फार्मेसी में ग्रेजुएशन के बाद करियर को मजबूती देने के लिए मास्टर ऑफ फार्मेसी यानी एमफार्मा करना बेहतर होता है.
एक फार्मासिस्ट के तौर पर आप सरकारी व प्राइवेट दोनों सेक्टर में काम के मौके प्राप्त कर सकते हैं –
गवर्नमेंट सेक्टर में मौके : सरकारी विभागों की सार्वजनिक दवा उत्पादन कंपनियों में समय-समय पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति होती है, आप इनमें आवेदन कर सकते हैं. आप राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं स्वास्थ्य व कल्याण विभाग में भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं. सैन्य बल, सरकारी बैंकों में भी फार्मासिस्ट की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकलती रहती हैं.
प्राइवेट सेक्टर में स्कोप : एक फार्मासिस्ट का करियर दवाओं की कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, ड्रग एंड फार्मूला इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी हो शुरू हो सकता है. एमआर के तौर पर इनका काम दवा के ब्रांड के बारे में चर्चा करना और बिक्री के लिए प्रमोशन करना होता है .वहीं ड्रग इंस्ट्रक्टर का काम दवा में इस्तेमाल किये गये फार्मूले के बारे में जांच परख करना होता है .
हॉस्पिटल और रिटेल में मिलेंगे अवसर : फार्मासिस्ट के लिए सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में अच्छे मौके रहते हैं. यहां दवाइयों और चिकित्सा संबंधी अन्य सहायक सामग्रियों के भंडारण, स्टॉकिंग और वितरण का जिम्मा होता है,जबकि रिटेल सेक्टर में फार्मासिस्ट को एक बिजनेस मैनेजर की तरह काम करना होता है.
इन संस्थानों से कर सकते हैं पढ़ाई
– दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च, दिल्ली.
– जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी,दिल्ली.
– यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस, चंडीगढ़.
– महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश.
– जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता.
– बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची.
जीपैट से खुलेंगे तरक्की के रास्ते
ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट यानी जीपैट वह परीक्षा है, जो फार्मेसी के क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं को मास्टर प्रोग्राम में प्रवेश लेने की योग्यता देने के साथ तरक्की की राह में आगे बढ़ाती है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा जीपैट का आयोजन साल में एक बार किया जाता है. जीपैट के स्कोर को एआईसीटीई द्वारा मान्यताप्राप्त सभी संस्थानों/ यूनिवर्सिटी के विभागों/ कॉलेजों या उससे संबद्ध कॉलेजों में स्वीकार किया जाता है. फार्मेसी के क्षेत्र में कुछ स्कॉलरशिप व अन्य वित्तीय सहायता भी जीपैट स्कोर के आधार पर मुहैया करायी जाती है.
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