Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी को देश के पहले और दुनिया के तीसरे रोप-वे की सौगात देंगे. इससे अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए काशीवासियों को रोप-वे का इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा. ये रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर चौराहे तक चलेगा. कुल 4.2 किलोमीटर की दूरी वाले इस रोप-वे पर 220 ट्रॉली कार चलेगी.
वाराणसी के प्रति पीएम मोदी का लगाव जगजाहिर है. निरन्तर नए कीर्तिमान स्थापित करता यह शहर अब ला पाज और मैक्सिको के बाद विश्व का तीसरा ऐसा शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल होगा. कैंट रेलवे स्टेशन से गिरिजाघर चौराहे तक चलने वाले इस रोप-वे की कुल दूरी 4.2 किलोमीटर है. इसमें 220 ट्रॉली कार चलेगी. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर के सवार होने की व्यवस्था की गई है. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्रॉली कार उपलब्ध रहेगा. महज वाराणसी जंक्शन से गिरिजाघर (गोदौलिया ) पहुंचने में कुल15 मिनट का समय लगेगा.
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कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गिरिजाघर चौराहे (गोदौलिया) तक चलने वाले इस रोप-वे की वजह से काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. लगभग 424 करोड़ की ये योजना के लागू होने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी. नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद इस रोप-वे ने काशीवासियों को दोगुनी खुशी दी है.
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पूर्वी भारत का गेटवे कहा जाने वाला वाराणसी तेजी से विकास कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोज विकास का नया आयाम जुड़ रहा है. इस रोप-वे की योजना बनाने की असली वजह काशी के पुराने इलाकों की सड़कें संकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढ़ने से होने वाली जाम की स्थिति से निपटने के लिए है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने इसके बारे में बताया कि ला पाज मॉडल की तर्ज पर काशी में रोप-वे चलेगा. बोलिविया देश के लापाज और मैक्सिको के बाद विश्व में भारत तीसरा देश और भारत में वाराणसी पहला शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल होगा. उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और काशी के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए क्योटो के तर्ज पर अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है. गिरिजाघर चौराहे तक कुल चार स्टेशन होंगे, जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा ,रथयात्रा और गिरिजाघर चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा.
रोपवे की कुल दूरी 4.2 किलोमीटर है, जो करीब 15 मिनट में तय होगी. करीब 45 मीटर की ऊंचाई से ट्रॉली कार चलेगी. इसमें 220 ट्रॉली होंगी. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानि 8000 लोग दोनों दिशा से एक बार में आ जा सकेंगे.
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रोप-वे रात में भी चलेगा. इस परियोजना पर 80 फीसदी भारत सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी. पूरा प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर बनेगा और संचालित भी पीपीपी मॉडल पर ही किया जाना है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह