किशनगंज : हम उस समाज के अंग हैं जहां हमारे आस-पास मौत का व्यापार बहुत शांति से और निर्विघ्नता से चलता है. हर नुक्कड़ पर या हर मार्केट में सिगरेट, गुटखा तंबाकू, ज़र्दा आसानी से मिल ही जाता है और उसका सेवन भी लोग खूब चाव से करतें हैं. लिहाजा तम्बाकू सेवन करने वाले लाखों लोग असमय काल के गाल में समा जातें हैं.आंकड़ों पर गौर करें तो तम्बाकू हर साल लाखों लोगों को खत्म कर देता है, जिसमें अधिकांश लोग सीधे तम्बाकू का प्रयोग करते हैं जबकि कुछ तो धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहने और धुएं के प्रभाव के शिकार हो जाते हैं.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर रविवार को जिले के जाने माने फिजिशियन डॉ. शिव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी से नशे की चाहत को शांत करें क्योंकि ये लत बहुत खतरनाक है. और तंबाकू उत्पाद जानलेवा है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि जब कोई धूम्रपान छोड़ देता है तब मात्र 20 मिनट के भीतर ही रक्तचाप सामान्य हो जाता है. 08 घंटे के भीतर ही रक्त में ऑक्सीजन बढ़ जाती है.24 घंटे के भीतर ही दिल का दौरा आने की संभावना कम हो जाती है.फेफड़ों की कार्यक्षमता 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. हृदय रोग होने का खतरा 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से साल 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया. दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक महामारी घोषित किया.तंबाकू छोड़ें जीवन से नाता जोड़ेंतंबाकू सेवन, धूमपान व अवसाद के चलते इम्युनिटी सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है.
फिलहाल कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में हमारे पास मजबूत इम्युनिटी सिस्टम के अलावा और कोई हथियार नहीं है. ऐसे में तंबाकू सेवन से दूर रहने का एक बड़ा कारण यह भी है कि आप कोरोना संक्रमण से भी बचे रहेंगे इसलिए तंबाकू का परित्याग ही सबसे बेहतर है.
स्वस्थ रहना चाहते है तो तंबाकू से बनाये दूरी : कोराना काल में तंबाकू से करें तौबा प्रतिनिधि किशनगंज जाने माने दंत चिकित्सक डा शेखर जलान ने कहा कि आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है. इस नाते सभी की यह जिम्मेवारी बनती है कि वे इकसे दुष्प्रभावों के बारे में जाने और दूसरों को भी बताएं. डा जलान ने कहा कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में वायरस के फेफड़ों में प्रवेश करना का खतरा बढ़ जाता है. तंबाकू का उपयोग श्वसन तंत्र पर प्र्रभावी असर डालता है. उन्होंने बताया कि तंबाकू का सेवन न केवल पाचन तंत्र को कमजोर करता है, बल्कि यह मांसपेशियों, हड्डियों, नसों को भी कमजोर करता है.
तंबाकू के सेवन से श्वसनतंत्र, मुंह एवं गले में कैंसर होने की संभावना भी कई गुणा बढ़ हाती है. डा जलान ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करना है. राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार देश में 15 साल से उपर 26.7 करोड़ लोग तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं एवं प्रतिदिन तंबाकू सेवन से लगभग 3 हजार मौत होती है.
डा जलान ने कहा कि भारत में पुराने समय से ही तंबाकू का प्रचलन रहा है. पहले के समय में भी हुक्का-चिल्लम, बीड़ी, खैनी आिद के द्वारा लोग नशा करते रहे हैं. लेकिन आज स्थिति कहीं जयादा विस्फोटक हो चुकी है. अब तो जमाना एडवांस हो गया हैं और नशे करने के तरीकें भी अलग है. बीड़ी की जगह सिगरेट ने ले लिया है तो हुक्का-चिल्लम की जगह स्मैक, ड्रग्स और खैनी बना गया है गुटखा. यह एक चुनौतीपूर्ण समरूा है. हमें इन बुरी आदतों को छोड़ना है. इस मौके पर डा प्रेरणा तोढी जलान भी मौजूद थी.
Posted bY Pritish Sahay