विश्व आदिवासी दिवस : केंद्र सरकार को भेजा जायेगा सरना धर्म कोड को मान्यता देने का प्रस्ताव : डॉ उरांव

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2020 2:29 AM
an image

रांची : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी. डॉ उरांव विश्व आदिवासी दिवस पर रविवार को कांग्रेस भवन में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में भी जनजातीय समुदाय का बड़ा योगदान रहा है.

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले संताल विद्रोह, हूल विद्रोह समेत अन्य आंदोलन और बाद में टाना भगत समुदाय के लोग अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए आगे आये. आजादी के बाद देश का संविधान बना. संविधान में आदिवासी समाज के हित और अधिकार की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाये गये. कांग्रेस सरकार ने सीएनटी-एसपीटी कानून को मजबूत करने का काम किया. आदिवासियों की जमीन की रक्षा हो सके, इसके लिए कठोर कानून बनाये गये.

परंतु भाजपा सरकार ने जल-जंगल और जमीन को छीनने की कोशिश की. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जनजातीय समुदाय के विकास के लिए ईमानदार कोशिश की गयी. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक रहे हैं. कभी वे सनातन परंपरा के पक्षधर नहीं रहे हैं. लेकिन एक साजिश के तहत उन्हें सनातन धर्मी बताया जा रहा है. उनकी परंपरा से छेड़छाड़ की कोशिश की जा रही है.

समारोह को राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, संजय लाल पासवान, रमा खलखो, गीताश्री उरांव, प्रकाश उरांव, गुंजन सिंह ने भी संबोधित किया. इससे पहले आदिवासी समाज के महान विभूतियों भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हू चांद-भैरव, नीलांबर-पीतांबर समेत शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. स्वागत भाषण सुखेर भगत ने दिया. संचालन अमूल्य नीरज खलखो व धन्यवाद ज्ञापन बेलस तिर्की ने किया.

इनको िकया गया सम्मानित : समारोह में आदिवासी समाज के सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों व विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले िवद्यािर्थयों को भी सम्मानित किया गया. सम्मानित होनेवालों में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चयनित डॉ आकांक्षा खलखो, रोबिसन गुड़िया, जैक 12वीं परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाली स्टेट टापर लीजा उरांव, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, बुद्धिजीवी केसी कुडू, प्रो दमयंती सिंकू, प्रो महेश भगत, पत्रकार संतोष किड़ो व डॉ अनूप मुंडा शामिल हैं.

समारोह में ये थे मौजूद : कांग्रेस भवन में आयोजित समारोह में सतीश पाॅल मुंजनी, राजेश गुप्ता, आलोक दूबे, राजीव रंजन प्रसाद, डाॅ राकेश किरण महतो, मदन मोहन शर्मा, वीपी शरण, निरंजन पासवान, गजेंद्र सिंह, नेली नाथन, सुरेश बैठा, लक्ष्मी भगत, सुषमा हेंब्रम, मौसमी मिंज, सीमा नाग, राकेश कुजूर, जेवियर खेस, रोहित प्रियदर्शी उरांव, हेमा मिंज समेत कई लोग मौजूद थे.

स्वतंत्रता आंदोलन के विभूतियों को श्रद्धांजलि : रांची. मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव व विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन के महान विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत में गांधी के अनुयायी टाना भगतों की ओर से सबसे पहले बापू की प्रतिमा के पैर धोये गये और घंटी एवं शंख बजा कर पूजा-अर्चना की गयी.

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि 1942 में गांधी जी की अगुवाई में नौ अगस्त को क्रांति दिवस के रूप में सबसे बड़ा आंदोलन हुआ. इस दौरान गांधी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो और करो या मरो का नारा दिया. भारत ने भी 1947 में आजादी हासिल की. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में भारत छोड़ो आंदोलन मील का पत्थर साबित हुआ. क्रांति दिवस पर अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे के साथ ही देश में आजादी की लड़ाई तेज हुई और बाद में अंग्रेज भारत को छोड़ने को मजबूर हुए.

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, प्रवक्ता आलोक दूबे, डॉ राजेश गुप्ता, अमूल्य नीरज खलखो, बेलस तिर्की, सतीश पाल मुंजिनी, सुखेर भगत, निरंजन पासवान, डॉ बीपी शरण, शमशेर आलम, राजीव रंजन प्रसाद, नेली नाथन, विनय सिन्हा दीपू, गजेंद्र प्रसाद सिंह, गुंजन सिंह, एनुल अंसारी, सुरेश बैठा, मदन महतो, रामानंद केसरी, सुनील सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.

Post by : Pritish Sahay

Exit mobile version