World Wetland Day 2024 आज, जानें क्या है इस दिन की खासियत

World Wetland Day 2024: पूरी दुनिया में 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है. वर्ल्ड वेटलैंड डे का आयोजन आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सकारात्मक पहलुओं को उजागर करने के उद्देश्य से किया जाता है.

By Shaurya Punj | February 2, 2024 6:39 AM
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World Wetland Day 2024: पूरी दुनिया में 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है. वर्ल्ड वेटलैंड डे का आयोजन आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सकारात्मक पहलुओं को उजागर करने के उद्देश्य से किया जाता है. वेटलैंड का सभी की जिंदगी में काफी महत्व होता है. क्योंकि वेटलैंड पानी के प्रदूषण से मुक्त रखने का काम करती है. जोकि जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होता है. तो चलिए जानते हैं वेटलैंड और वर्ल्ड वेटलैंड डे के बारे में विस्तार से.

वेटलैंड्स क्या है? वेटलैंड किसे कहते है?

वेटलैंड का मतलब होता है नमी या दलदली क्षेत्र अथवा पानी से संतृप्त भूभाग से है. अर्थात नमी या दलदली भूमि क्षेत्र को वेटलैंड्स कहते है. बहुत सी जगह पर सालभर जमीन पानी से भरा रहता है. वेटलैंड की मिट्टी झील, नदी व तालाब के किनारे का हिस्सा होता है. आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो सालभर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है. वेटलैंड के बहुत से लाभ है. भारत में वेटलैंड ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है. आपको बता दे की वेटलैंड जल को प्रदुषण से मुक्त बनाती है.

वेटलैंड्स के प्रकार

तटीय वेटलैंड्स: मैंग्रोव्स, एस्टुरीज, खारे पानी की दलदली भूमि, लैगून आदि.

अंतर्देशीय आर्द्रभूमि: दलदली भूमि, झीलों, जलयुक्त दलदली वन भूमि, नदियों, बाढ़ और तालाब.

मानव निर्मित वेटलैंड्स : मछली के तालाब, नमक और चावल के धान.

विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्व

आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं, जो कई जलीय वनस्पतियों और जीवों के लिए आवास हैं. यह प्रवासी प्रजातियों सहित पक्षियों की कई प्रजातियों का भी घर है. आर्द्रभूमि के नष्ट होने से आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होगा. इसलिए, इस दिन को देखने से लोग आर्द्रभूमि के महत्व को समझेंगे.

भारत की चिल्का झील है वेटलैंड

चिल्का झील के साथ साथ भारत के चार और वेटलैंड भी रामसर स्थल की सूची के रूप में यूनेस्को की धरोहर में शामिल हैं. चूंकि ये वेटलैंड प्रकृति और जीव जंतुओं के साथ साथ औषधीय पेड़ पौधों के लिए भी काफी जरूरी हैं.

उदयपुर बनेगा भारत का पहला वेटलैंड शहर

राजस्थान सरकार, पर्यावरण और वन विभाग के सहयोग से, उदयपुर, जिसे ‘झीलों के शहर’ के रूप में भी जाना जाता है, को भारत का पहला वेटलैंड शहर बनने का लक्ष्य रखते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रमुखता तक बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है. हाल की रिपोर्टों के अनुसार, शहर को अंतरराष्ट्रीय महत्व के संभावित रामसर कन्वेंशन साइट के रूप में चुना गया है, जो दुनिया भर के वेटलैंड-समृद्ध क्षेत्रों द्वारा प्रतिष्ठित मान्यता है.

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