25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पौष कालाष्टमी पर ऐसे करें काल भैरव की पूजा, इस मंत्र से कटेंगी बाधाएं और दिखेगा चमत्कारिक असर

Kalashtami 2024: हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है. कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है. तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन भक्ति और साधना करते हैं.

Kalashtami 2024: पौष मास में कालाष्टमी 04 जनवरी 2024 को है. यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, इस दिन देवों के देव महादेव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है. कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है. तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन भक्ति और साधना करते हैं. कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर काल भैरव देव साधकों को मनोवांछित फल देते हैं. धार्मिक मान्यता है कि काल भैरव देव की पूजा करने से सभी प्रकार के काल कष्ट, दुख और संकट दूर हो जाते हैं, इसके साथ ही घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. धर्म की खबरें

पौष मास की कालाष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त

पौष मास की कालाष्टमी तिथि आरंभ 03 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 48 मिनट पर होगी और ​कालाष्टमी का समापन 04 जनवरी 2024 की रात 10 बजकर 04 मिनट पर होगी. पौष मास की कालाष्टमी 04 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

काल भैरव व्रत मंत्र

  • – ऊं काल भैरवाय नमः

  • – अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

    भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

  • – ओम भयहरणं च भैरव:।

  • – ओम कालभैरवाय नम:।

  • – ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।

Also Read: शादी में बार-बार आ रही है अड़चनें तो प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें ये उपाय
कालाष्टमी के दिन भूलकर न करें ये काम

  • काल भैरव जयंती या कालाष्टमी के दिन झूठ बोलने से बचें.

  • इस दिन झूठ बोलने से आपको भारी नुकसान झेलना पड़ता है.

  • काल भैरव की पूजा कभी भी किसी के नुकसान के मकसद से ना करें.

  • अपने माता-पिता और गुरुओं को अपमानित ना करें.

  • काल भैरव की पूजा कभी भी अकेले नहीं करनी चाहिए

  • इस दिन पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती को अवश्य शामिल करें.

  • गृहस्थ लोगों को भगवान भैरव के तामसिक पूजा नहीं करनी चाहिए.

  • कुत्तों को मारें नहीं बल्कि जितना हो सके, उन्हें भोजन कराएं.

कालाष्टमी पर घर में कैसे करें काल भैरव की पूजा

भगवान भैरव को नारियल, सिन्दूर, फूल, सरसों का तेल, काले तिल आदि चढ़ाना चाहिए. बाबा भैरव के प्रिय भोग इमरती, जलेबी, पान, नारियल अर्पित करें. अब काल भैरव जयंती की कथा पढ़ें और फिर भैरवनाथ की आरती करें. संध्याकाल में काल भैरव के मंदिर में चौमुखी सरसों के तेल का दीपक लगाकर ॐ कालभैरवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. धर्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि के स्वामी रूद्र हैं, इसलिए हर महीने कृष्ण पक्ष की इस तिथि पर काल भैरव की पूजा करने की परंपरा है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप यानी भगवान भैरव की पूजा की जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें