Wrestler Protest: महिला रेसलर्स की शिकायत पर FIR क्यों नहीं? दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

WFI प्रेसिडेंट बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की अर्जी सुन ली है. इस मामले पर 28 अप्रैल शुक्रवार को सुनवाई होगी.

By Saurav kumar | April 25, 2023 11:12 AM

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर फिर से धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की अर्जी सुन ली है. इस मामले पर 28 अप्रैल शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की जाएगी. दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित 7 अन्य पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कराई है.

सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस को नोटिस

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भारत के पदकवीर पहलवानों की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने सुन ली है. अब कोर्ट इस मामले में 28 अप्रैल शुक्रवार को सुनवाई होगी. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाले सात पहलवानों द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया.

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर संज्ञान लिया कि यौन शोषण के आरोपों के बावजूद कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है. इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें.’ उसने पहचान जाहिर न करने के लिए न्यायिक रिकॉर्ड से सात शिकायतकर्ता पहलवानों के नाम हटाने का निर्देश भी दिया.

प्रदर्शन बंद करना हमारी गलती थी

ओलिंपियन विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुआई वाले पहलवानों ने स्वीकार किया कि तीन महीने पहले अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करके उन्होंने गलती की थी. विनेश ने कहा कि अब हम किसी की नहीं सुनेंगे. हम विरोध का चेहरा बनेंगे, लेकिन अब हमारे गुरुजन और कोच खलीफा हमारा मार्ग निर्देशन करेंगे. पिछली बार प्रदर्शन समाप्त करना गलती थी. अब हम किसी मध्यस्थ को स्वीकार नहीं करेंगे. अब हम किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे. पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करे और जांच करे. हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं और न्याय पाने के कई रास्ते हैं.

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