जानेमाने लेखक और गीतकार योगेश (Yogesh) का शुक्रवार को निधन हो गया. वह 77 साल के थे. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कई चर्चित गाने लिखे जिनमें ‘कहीं दूर जब ढल जाए’ और ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ शामिल हैं. दोनों ही गाने साल 1971 में आई सुपरहिट फिल्म ‘आनंद’ का गाना है. इस फिल्म में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी. स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है.
लता मंगेशकर ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए ट्विटर पर लिखा,’ मुझे अभी पता चला कि दिल को छूनेवाले गीत लिखनेवाले कवि योगेश जी आज स्वर्गवास हुआ. ये सुनके मुझे बहुत दुख हुआ. योगेश जी के लिखे कई गीत मैंने गाए. योगेश जी बहुत शांत और मधुर स्वभाव का इंसान थे. मैं उनको विनम्र श्रद्धाजंलि अर्पण करती हूं.’
Mujhe abhi pata chala ki dil ko chunewale geet likhnewale kavi Yogesh ji ka aaj swargwas hua. Ye sunke mujhe bahut dukh hua.Yogesh ji ke likhe kai geet maine gaaye. Yogesh ji bahut shaant aur madhur swabhav ke insan the. Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) May 29, 2020
योगेश गौड़ का जन्म 19 मार्च 1943 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. वह काम की तलाश में निकले थे, उनके चचेरे भाई एक पटकथा निर्देशक थे. उन्होंने पहली बार ऋषिकेश मुखर्जी के साथ मिलकर काम किया और उन्होंने ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ गीत लिखा. इसके बाद उन्होंने ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ और ‘रिमझिम गिरे सावन’ जैसे गीत लिखे.
उन्होंने फिल्म ‘रजनीगंधा’ गाना ‘कई बार यूं ही देखा है’ और फिल्म ‘बातों बातों में’ के गाने ‘न बोले तुम न मैंने कुछ कहा’ जैसे शानदार गीत लिखे. योगेश ने एक लेखक के रूप में टेलीविजन धारावाहिकों में भी काम किया.
साल 1970 में उन्होंने जानेमाने हृषिकेश मुखर्जी और बसु चटर्जी जैसे प्रमुख नामों के साथ काम किया. उन्होंने साल 2017 हरीश व्यास द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अंग्रेज़ी में कहते हैं’ के साथ वापसी की थी. योगेश ने फिल्म के लिए तीन गाने लिखे थे.
योगेश जी के बारे बात करते हुए हरीश व्यास ने कहा था,’ मैं पहली बार 1997 में योगेशजी से एक प्रशंसक के रूप में मिला था. मैं उनके गीतों पर अपनी पीढ़ी के अधिकांश लोगों की तरह बड़ा हुआ था, और मैं सोचता रहा कि मैं कभी अपनी फिल्मों में उनका उपयोग करूंगा. यही उनकी एक बानगी है, जिसने मुझे उनके लेखन की ओर आकर्षित किया.’
Posted By: Budhmani Minj