धनतेरस पर खरीदारी, दीपदान और पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस बार शुभ मुहूर्त के लिए कुल अवधि 1 घंटा 56 मिनट का होगा.
प्रदोष काल की शुरुआत शाम 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. वहीं वृषभ काल की शुरुआत 05 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस दौरान यम का दीपक जलाना शुभ होता है.
यम का दीपक धनतेरस के दिन जलाना काफी शुभ माना जाता है. वहीं कुछ लोग धनतेरस के दिन की जगह छोटी दीपावली को भी यम दीपक जलाते हैं. क्योंकि ये दीपक यम देव को समर्पित होता है और उनकी दिशा शास्त्रों में दक्षिण मानी गई है तो इसे सिर्फ दक्षिण दिशा में ही जलाएं.
यम का दीपक को कभी भी घर के अंदर नहीं जलाना चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने पर जातक के जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लग जाती है. यदि आप यम दीपक जलाते हैं तो घर के बार ही जलाएं और इसे दक्षिण दिशा में रखना न भूले.
यम दीपक जलाने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को उसके बाद घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए, जब घर के सभी सदस्य घर आ जाएं तभी यम दीपक जलाएं. यम दीपक को सूर्यास्त के बाद संध्याकाल में ही जलाएं.
शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस की देर रात को एक दीया और जलाना चाहिए, जिससे अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है. घर के किसी भी बुजुर्ग द्वारा इसे जलाकर घर के बाहर रखा जाता है. इसे यम का दीया कहा जाता है. मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु भी टल जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, हम जो भी पूजा से संबंधित कर्मकांड अपने पितरों के निमित्त करते हैं. उससे वह तृप्त होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं. यम दीपक जहां आकाल मृत्यु के संकट को रोकता है. वहीं इसके पीछे ये भी मान्यता है कि यदि धनतेरस की शाम सूर्यास्त के बाद यम दीपक जलाया जाए तो उससे पितरों के मार्ग को प्रकाश मिलता है.