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अलीगढ़ में यमुना बह रही खतरे के निशान के ऊपर, आधा दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

दिल्ली, हरियाणा में भारी बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. यमुना खतरे के निशान पर बह रही है. जिसके चलते अलीगढ़ में टप्पल इलाके के आधा दर्जन गांव में पानी घुस गया है.

अलीगढ़. यूपी के अलीगढ़ में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है. जिससे अलीगढ़ के आधा दर्जन गांव में पानी घुस गया है. यहां रहने वाले ग्रामीण गांव में पानी घुसने से परेशान है. किसानों की फसलें और सब्जियां नष्ट हो गई है. वहीं खेतों में पानी घुसने से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही ग्रामीणों के लिए पशुओं के चारे की समस्या आ रही है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी जल स्तर का निरीक्षण और बाढ़ चौकी को देखकर लौट जाते हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल रही है. हालांकि ग्रामीणों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात करते हैं, लेकिन उनके पशुओं के रहने और चारे का कोई इंतजाम नहीं है. ग्रामीणों ने अलीगढ़ के अधिकारियों पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया है.

यमुना खतरे के निशान से बह रही ऊपर

दिल्ली, हरियाणा में भारी बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. यमुना खतरे के निशान पर बह रही है. जिसके चलते अलीगढ़ में टप्पल इलाके के आधा दर्जन गांव में पानी घुस गया है. टप्पल विकासखंड के किशनगढ़, महाराजगंज, पखोदना, ऊंटासानी, शेरपुर, मालव आदि इलाकों में यमुना के पानी से जलमग्न हो गया. हालांकि यमुना में जलस्तर बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जल स्तर के 24 घंटे निगरानी के लिए कहा गया है. बाढ़ चौकियों को भी सक्रिय किया गया है. यमुना में जब जलस्तर बड़ता है तो किनारे बसे करीब 14 गांव में पानी घुस जाता है.

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अलीगढ़ में यमुना बह रही खतरे के निशान के ऊपर, आधा दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त 2
किसानों की फसल चौपट

इन इलाकों में बाढ़ आने से किसानों की फसल चौपट हो गई है. खेत में पानी घुसने से किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है. फसल के साथ ही सब्जियों की खेती भी नष्ट हो गई. पशुओं के चारे की समस्या आ रही है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर कोई भी सुविधा नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. जिला प्रशासन के लोग घूम कर चले जाते हैं. वहीं, अधिकारियों पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया है. स्थानीय ग्रामीण सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

पशुओं के चारे की समस्या

महाराजगढ़ की रहने वाली देवेंद्री ने बताया पटवारी और बड़े अधिकारी आते हैं. लेकिन कुछ करते नहीं है. महाराजगढ़ के किसान राकेश कुमार ने बताया कि गांव के चारों तरफ पानी फैल चुका है. लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं है. जिला प्रशासन के लोग आंते हैं और घूम कर चले जाते हैं. दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहते हैं, लेकिन गाय-भैंसों को कहां लेकर जाएं. चारे की व्यवस्था भी करना जरूरी है. राकेश ने बताया कि किसानों की लाखों रुपए की फसल बर्बाद हो गई है.

बाढ़ को लेकर सतर्कता बढ़ी

मीरा अपनी सब्जियों की फसल को तोड़ कर ले जा रहे हैं. क्योंकि जल्द ही उनकी फसलों में पानी घुसने वाला है. मीरा ने बताया कि डेढ़ लाख रुपए की फसल का नुकसान है. जिला प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है. वहीं एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने बताया कि बाढ़ को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. कंट्रोल रूम के साथ ही बाढ़ चौकियों पर निगरानी की जा रही है. बाढ़ से प्रभावित लोगों को सतर्क किया गया है.

रिपोर्ट- आलोक अलीगढ़

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