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प्रयागराज: हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद उफान पर यमुना, बाढ़ की आशंका में सहमे लोग, चौबीस घंटे निगरानी

देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बरसात ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. लगातार बारिश से हथिनीकुंड बैराज में यमुना नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ गया है. ऐसे में यहां से पानी छोड़े जाने के बाद यूपी पर भी असर पड़ रहा है. यमुना नदी में उफान की स्थिति है. निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

Prayagraj: पहाड़ों और मैदानी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. यूपी में गंगा यमुना सहित अन्य प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में नदियों में उफान आने से बाढ़ की संभावना जताई जा रही है. इसे लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं.

इस बीच हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 45,402 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ने का काम शुरू हो चुका है. इससे 11 जुलाई तक प्रयागराज और अन्य स्थानों में यमुना के जलस्तर में तेज वृद्धि होने की प्रबल संभावना है. इसे लेकर प्रशासन उचित प्रबंध करने में जुट गया है.

पहाड़ों में बारिश का सिलसिला जहां लगातार जारी है, वहीं मानसून के सक्रिय होने से मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश हो रही है. सिंचाई बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम के मुताबिक गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 77.19 और छतनाग में 73.56 मीटर रिकॉर्ड किया गया है. इसी तरह नैनी में यमुना का जलस्तर रात 10 बजे 64.02 मीटर दर्ज किया गया. आलाधिकारियों के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में बारिश और हथिनी कुंड से यमुना में पानी छोड़े जाने की वजह से जल दबाव बढ़ने लगा है. उफान आने की संभावना है.

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इसके साथ ही कैराना में भी लगातार बारिश से हथिनी कुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है. हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 30,866 क्यूसेक प्रति सेकंड दर्ज की गई है. हालांकि पानी का दबाव लगातार बढ़ने के कारण हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 45,402 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड डिस्चार्ज कर दिया गया.

मौसम के बदले तेवर के बाद मैदानी इलाकों में बारिश के कारण छोटे नदी नालों से पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मात्रा में पानी यमुना नदी में जा रहा है. अफसरों के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से कैराना यमुना नदी तक पानी के पहुंचने में करीब 12 घंटे लगते हैं. ऐसे में 11 जुलाई रात तक यमुना के जलस्तर में वृद्धि होना तय है. इसके बाद भी पानी छोड़े जाने पर दबाव और ज्यादा बढ़ जाएगा. यमुना का जलस्तर समुद्र तल से 228.26 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया है.

वहीं यमुना नदी का चेतावनी लेवल समुद्र तल से 231 मीटर तथा खतरे का निशान 231.5 मीटर पर है. अफसरों के मुताबिक यमुना नदी पर चौबीस घंटे नजर रखी जा रही है. सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग अलर्ट मोड में हैं.

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