प्रयागराज. कुम्भ नगरी प्रयागराज को देश के अलग-अलग शहरों से वायु मार्ग से जोड़ने के लिए योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से महाकुंभ से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट का कायाकल्प होने जा रहा है. एयर कनेक्टिविटी से लेकर टर्मिनल के विस्तार और फ्लाइट्स की संख्या में प्रयागराज एयरपोर्ट ने कई शहरों के एयरपोर्ट को पीछे छोड़ दिया है. प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में दूसरे देशों से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सहूलियत को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट का कायाकल्प किया जा रहा है. एयरपोर्ट के निदेशक आरआर पांडेय के मुताबिक़ महाकुम्भ को देखते हुए एयरपोर्ट का 175 करोड़ की लागत से पुनर्विकास किए जाने की सरकार की योजना है. इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है. अगले महीने इसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो जायेगी.
पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज विमान के दरवाजे को हवाई अड्डे के टर्मिनल से जोड़ता है. एयरपोर्ट में उड़ानों की आवाजाही का विस्तार होने के साथ पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज की संख्या भी बढ़ाना आवश्यक हो जाता है. प्रयागराज एयरपोर्ट के उप महाप्रबंधक प्रमोद कुमार सिंह बताते हैं कि प्रयागराज एयरपोर्ट से मौजूदा समय में एयरोब्रिज की संख्या 2 है. महाकुम्भ के पहले इनकी संख्या बढ़कर 6 हो जाएगी. प्रयागराज एयरपोर्ट के इस विस्तारीकरण के बाद 6 एयरोब्रिज वाला यह यूपी का पहला एयरपोर्ट बन जाएगा.
कुम्भ नगरी प्रयागराज का देश के विभिन्न शहरों में एयर कनेक्टिविटी का निरन्तर विस्तार हुआ है. लखनऊ और वाराणसी के बाद अब प्रयागराज एयरपोर्ट उड़ानों और यात्रियों की आवाजाही के मामले में तीसरे नंबर पर पहुच गया है. प्रयागराज एयरपोर्ट के निदेशक आरआर पांडेय बताते हैं कि वर्तमान में इस एयरपोर्ट से 12 शहरों के लिए 24 घरेलू उड़ानें संचालित है. विस्तारीकरण की योजना के बाद महाकुम्भ तक इनकी संख्या भी 12 से बढ़कर 16 से अधिक हो जायेगी. यहां से प्रतिदिन हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही हैं. पिछले वर्ष प्रयागराज एयरपोर्ट से 5,48310 ने हवाई सफर तय किया था. इस तरह हर साल एक लाख से अधिक यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
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प्रयागराज एयरपोर्ट में अभी एक टर्मिनल है जिसका क्षेत्रफल 6700 वर्ग मीटर है. इसमें फिलहाल 320 यात्री यहां बैठ सकते हैं. विस्तारीकरण योजना के तहत 9500 वर्गमीटर में एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग भी बन रही है. जिसमे बैठने की क्षमता 500 की होगी. इस तरह महाकुम्भ तक यहां की क्षमता 820 यात्रियों की हो जाएगी. नई टर्मिनल बिल्डिंग में पर्यावरण संरक्षण के मानको को ध्यान में रखते हुए पूरी बिल्डिंग में सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा. इसके अतिरिक्त प्रयागराज एयरपोर्ट के एप्रन की क्षमता भी बढ़कर 15 विमानों की किये जाने की योजना है.