बरेली. हसीनाओं से फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, ट्विटर पर दोस्ती युवाओं को कंगाल कर रही है. इनके शिकार लोग आत्महत्या तक करने को मजबूर होते हैं. हालांकि, समय से साइबर क्राइम सेल में शिकायत करने पर वीडियो डिलीट हो जाते हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई तक की जाती है. लेकिन समय से साइबर सेल में लोग शिकायत नहीं करते. इसके साथ ही फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. इनकी फेसबुक आईडी पर खूबसूरत लड़कियों के फोटो लगा होते हैं, जबकि यह फेसबुक लड़के चलाते हैं. अगर, फेसबुक पर कोई जाल में फसता है, तो फिर लड़कियों से बात कराकर वीडियो बना लेते हैं. बरेली में सौ से अधिक लोगों को ये ठग चुके हैं. मगर, बेइज्जती के चक्कर में लोग कार्रवाई से भी बच रहे हैं. यह लोग पहले फ्रेंड बनते हैं. इसके बाद फेसबुक और वाट्सएप नंबर को हैक कर लेते हैं. इसके बाद दोस्तों से जरूरत बताकर रुपये भी ठगते हैं.
वीडियो बनने के बाद फर्जी आईपीएस अफसर बनकर भी लोगों को फोन किया जाता है. इनका नंबर भी ट्रू कॉलर पर साइबर क्राइम के नाम से आता है. इसके साथ ही फोटो पुलिस की वर्दी में होता है. इससे लोग फस जाते हैं. इनको यह फर्जी आईपीएस कार्रवाई के नाम पर भी डराते हैं. इस मामले में बरेली के साइबर क्राइम इंस्पेक्टर अनिल कुमार से बात करने की कोशिश की गई. लेकिन उनका फोन बंद था. इसके साथ ही पुलिस लाइन स्थित ऑफिस में भी नहीं थे. इसलिए संपर्क नहीं हो सका.
अगर, इनका कोई फोन उठा ले, इसके बाद फोन पर बात कर कोई अश्लीलता की हरकत न करे, तब भी ये चेहरा पर नीचे का हिस्सा किसी और का लगाकर एडिट कर ब्लैकमेल करते हैं. इसलिए ऐसे फोन को न उठाएं.
बरेली के फरीदपुर निवासी शराफत की फेसबुक पर पुणे की मोनिका शर्मा के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. मोनिका शर्मा की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की. इसके बाद फेसबुक के मैसेंजर में अश्लीलता की बातें की. इसके बाद वाट्सएप नंबर पर वीडियो कॉल कर वीडियो बना लिया. इसके बाद दो बार में 60 हजार की ठगी की. इसके बाद शराफत ने पुलिस में शिकायत की है.
बरेली के किला छावनी निवासी आलोक के वाट्सएप पर Hii का मैसेज आया था. इसके बाद ऑनलाइन गलत करने की बात कही गई. इस पर आलोक तैयार हो गए. उन्होंने बाथरूम में जाकर ऑनलाइन किया. वह काफी खुश थे. मगर, 2 दिन बाद उनके मोबाइल पर ऑनलाइन गलत करने का वीडियो आया. वीडियो के एवज में मोटी रकम मांगी गयी. इज्जत के खातिर आलोक ने रकम दे दी. मगर, वह उसके बाद से काफी परेशान है.
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साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना तुरंत 1930 नंबर पर दें. इसके साथ ही साइबर अपराध एनसीआपी पोर्टल की वेबसाइट डब्लू डब्लू डब्लू डॉट साइबर क्राइम डॉट गवर्नमेंट डॉट इन (www.cybercrime.gov.in) पर भी शिकायत कर सकते हैं.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली