झारखंड : बीटेक की पढ़ाई छोड़ साइबर ठग बना युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे, एक लाख से अधिक लोगों का मिला मोबाइल नंबर
दिल्ली में रह कर साइबर हैकिंग का कोर्स करने के साथ-साथ लोगों को फर्जी लिंक भेज कर चूना लगाने वाले एक शातिर अपराधी निमियाघाट थाना क्षेत्र के इसरी बाजार का रहने वाला राहुल कुमार मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
Jharkhand Cyber Crime News: गिरिडीह पुलिस ने एक ऐसे साइबर अपराधी को पकड़ा है, जो बीटेक का कोर्स बीच में ही छोड़ ठगी के धंधे में उतर गया. यही नहीं, साइबर अपराध की दुनिया को समझने और इसमें अपनी जड़ें जमाने के लिए वह एक संस्थान से एथिकल हैकिंग का कोर्स भी कर रहा था. गिरफ्तार अपराधी निमियाघाट थाना इलाके के इसरी बाजार का राहुल कुमार मंडल है. गिरिडीह साइबर पुलिस ने राहुल को सोमवार को इसरी बाजार में छापेमारी कर गिरफ्तार किया. उसके पास से एक लैपटॉप, चार मोबाइल, 12 एटीएम कार्ड व 16 पासबुक बरामद जब्त किया है. यह साइबर ठग फर्जी लिंक भेज कर लोगों को चूना लगाता था.
गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल फर्जी वेबसाइट और लिंक बनाता था
मुख्यालय डीएसपी संजय राणा ने पत्रकारों को बताया कि समकालीन अभियान के तहत कार्रवाई में राहुल मंडल पकड़ा गया. उन्होंने बताया कि राहुल साइबर अपराध के लिए फर्जी वेबसाइट तथा लिंक बनाता था. वह 2000 रुपये प्रति लिंक के हिसाब से साइबर अपराधी को इसे बेच देता था. बरामद लैपटॉप में फर्जी वेबसाइट तथा लिंक बनाने का प्रमाण मिला है.
पैसे के आगे कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई से मोहभंग
राहुल गुरुग्राम के सेंट एंड्रयूज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहा था. दूसरे साल में उसने पढ़ाई छोड़ दी और दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित क्रो साइबर सिक्यूरिटी एकेडमी से इथिकल हैकिंग का कोर्स करने लगा. वह कोर्स फी का 70 हजार रुपया अभी तक जमा कर चुका था. राहुल के पास से बरामद मोबाइल में 10 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले हैं.
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फ्रेशर इंजीनियरों को पैसे देकर कोडिंग कराने का काम करता था राहुल
वैसे तो साइबर पुलिस ने अब-तक कई बड़े और शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, लेकिन इस बार वैसे अपराधी को गिरफ्तार किया है जो न सिर्फ दिल्ली में रह कर साइबर हैकिंग का कोर्स कर रहा था, बल्कि आम लोगों को चूना लगाने के साथ-साथ खुद से फर्जी लिंक बना कर उसे साइबर अपराधियों को बेचने का काम करता था. इस बाबत साइबर थाना पुलिस ने बताया कि राहुल एक शातिर साइबर अपराधी है. वह फ्री लेसिंग साइट का इस्तेमाल कर फ्रेशर इंजीनियर (थर्ड व फोर्थ इयर) को पैसे देकर कोडिंग का काम कराता था. फ्री लेसिंग साइट में फ्रेशर इंजीनियर अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. राहुल उक्त साइट से फ्रेशर इंजीनियरों का नंबर निकाल कर उनसे संपर्क करता था और कोडिंग करवाने के बाद फाइल को खरीद लेता था. फाइल को खरीदने के बाद एक क्लाउड वेब नामक वेबसाइट में फाइल को डाल कर लिंक तैयार करने का काम करता था. बताया कि राहुल अधिकतर स्टेट बैंक का ही फर्जी लिंक बनाने का काम करता है. इसके बाद लिंक को चेंज कर अलग-अलग बैंक का लिंक बना कर साइबर अपराधियों के पास बेचने का काम करता था. राहुल से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
राहुल ने ऑनलाइन भी खाेले हैं कई अकाउंट, जांच जारी
साइबर थाना पुलिस ने बताया कि राहुल मंडल के पास से मिले मोबाइल में कई अहम जानकारियां हासिल हुई. राहुल ने ऑनलाइन भी कई बैंकों में अपना खाता खोला है. जिसका प्रमाण उसके मोबाइल से मिला है. सभी खातों की जांच-पड़ताल की जा रही है.